एनजीटी के निर्देश पर पूरी हुई जिला,निगम और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई
भोपाल। नगर निगम द्वारा बीते तीन दिन से भदभदा बस्ती में की जा रही कार्रवाई आज पूरी हो गई। इस तरह निगम ने तीन दिन में इस बस्ती को जमींदोज कर दिया। निगम ने इस बस्ती में बने सभी 386 मकानों को जमींदोज कर यहां समतल मैदान कर दिया है। इसके लिए निगम ने पूरा अमला तीन दिन से यहां लगाकर रखा था। शनिवार को अमले ने बचे हुए 118 मकान जमींदोज कर दिए। इसके लिए यहां रहवासियों की सहमति के बाद इन मकानों को तोड़ा गया है। इससे पहले अमले ने पहले दिन 30 मकान दूसरे दिन 109 तीसरे दिन 129 और आखिरी दिन 118 मकान जमींदोज किए। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में आखिरी दिन भी जब कार्रवाई की जा रही थी तो भदभदा से नेहरू नगर जानेवाली रोड पर आवाजाही बंद रही।
निगम के आला अधिकारियों के अलावा भवन अनुज्ञा शाखा और झील संरक्षण का अमला मौके पर मौजूद रहा। इस बीच राजस्व वसूली को देखते हुए आखिरी दिन जोनल अधिकारियों को मौक पर नहीं बुलाया गया लेकिन संबंधित जोन के अलावा आसपास के छह जोन के एएचओ मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान केंद्रीय कर्मशाल,अत्रिकमण विरोधी अमला सहित अन्य लोगों ने मैन्यूअल और मशीनों के जरिए इस बस्ती को जमींदोज किया। गौरतलब है कि बुधवार से एनजीटी के निर्देश पर यह कार्रवाई शुरु की गई थी।
कार्रवाई के दौरान आयुक्त फ्रैंक नोबल ए एवं जिला तथा पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ किया। अतिक्रमण हटाने की कार्य वाही के दौरान उप पुलिस आयुक्त रामजी श्रीवास्तव, निगम के अपर आयुक्तद्वय विनीत तिवारी व पवन सिंह, एस.डी.एम, तहसीलदार, उपायुक्त योगेन्द्र सिंह पटेल, अधीक्षण यंत्रीद्वय संतोष गुप्ता, उदित गर्ग सहित जिला, पुलिस एवं नगर निगम प्रशासन के अन्य अधिकारी व बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।
विरोध के बाद माने रहवासी
इस कार्रवाई के पहले निगम और जिला प्रशासन ने रहवासियों को समझाइश के साथ-साथ विकल्प भी दिए इस दौरान रहवासियों के तैवर तीखे रहे। इसको देखते हुए बुधवार को जब कार्रवाई की गई तो मौके पर एक हजार से ज्यादा पुलिस बल मौजूद रहा तो वहीं भदभदा से नेहरू नगर की ओर जानेवाली सड़क पर आवाजाही बंद की गई। कार्रवाई के दौरान आमजन उग्र न हो इसको देखते हुए मीडिया को करवेज के लिए मौके पर जाने से रोका गया। हालांकि बाद में जब लोगों सूर नरम पड़े तो मीडिया को इजाजत दी गई। तब तक लोगों का गुस्सा भी शांत हो गया था और कार्रवाई के दौरान किसी ने विरोध करने की बजाए सहयोग किया।
अधिकांश लोगों ने एक-एक लाख की राशि ली जबकि जिन लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान लिए उन्हें बीस हजार की राशि दी गई वहीं जिन लोगों ने चांदपुर में रहना उचित समझा उन्हेें वहां पर पट्टे दिए गए है।