Home » AI की मदद से दुनिया का पहला ‘वैदिक शहर’ बनेगा अयोध्या, परंपरा और आधुनिकता का दिखेगा अनोखा मेल

AI की मदद से दुनिया का पहला ‘वैदिक शहर’ बनेगा अयोध्या, परंपरा और आधुनिकता का दिखेगा अनोखा मेल

अयोध्या। उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर सज-सँवर रही है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इसके विकास को लेकर कई पहल भी कर रही है। अयोध्या के विकास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद ली जा रही है और इसे देश के पहले वैदिक आत्मनिर्भर नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने इसके लिए गुरुग्राम आधारित एक निजी कंपनी अराहास टेक्नोलॉजीज के साथ करार किया है।

यह कंपनी एआई की मदद से शहर का पहला वैदिक सिटी सस्टेनेबल इंडेक्स प्लेटफॉर्म स्थापित करेगी। इस इंडेक्स की रिपोर्ट के आधार पर सरकार को पता चल सकेगा कि उसके पास क्या संसाधन है और बढ़ते दबाव के अनुसार उसे क्या तैयारी करनी है। अयोध्या जिले की कुल संख्या 24 लाख से अधिक है। इस तकनीक से यह पता किया जाएगा कि राम मंदिर निर्माण के बाद अगर 10 करोड़ लोग अयोध्या आते हैं तो शहर के वातारण और संसाधनों पर इसका असर पड़ेगा। सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स की रिपोर्ट के आधार पर इससे निपटने के लिए पहले से ही योजना बनाई जाएगी, ताकि स्थानीय लोगों को असुविधा ना हो।

एआई की मदद से लगभग 24.70 लाख की आबादी वाले अयोध्या शहर के पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक गतिशीलता में अंदर की जानकारी ली जाएगी। इसके साथ-साथ इस प्लेटफॉर्म की मदद से रियल टाइम में निकायों के विकास की प्रगति की निगरानी करने, उसके लिए मानक निर्धारित करने और शहर के अनुकूल नीतियाँ बनाने में मिलेगी। इस तकनीक के अपनाने के बाद अयोध्या अपना खुद का सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट इंडेक्स (एसडीअाई) जारी करने वाला देश का पहला धार्मिक शहर बन जाएगा। नगर आयुक्त एवं प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप यह इंडेक्स लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला होगा।

सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा

वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स का उद्देश्य शहर की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं पुनर्जीवित करना है। इसके साथ ही यहाँ की आध्यात्मिकता और समग्र कल्याण को बढ़ावा देना, पर्यावरणीय प्रबंधन को नियोजित और नैतिक परंपराओं एवं रिवाजों के माध्यम से आर्थिक समृद्धि एवं विकास को बढ़ावा देना है। आराहास टेक्नोलॉजीज के सीईओ सौरभ राय का कहना है कि अयोध्या विश्वस्तरीय शहर बनेगा। राय का कहना है, परियोजना के पहले चरण में लगभग 1 मिलियन डॉलर (8।33 करोड़ रुपए) के निवेश की आवश्यकता होगी। इसे अराहास टेक्नोलॉजीज द्वारा कवर किया जाएगा। वैदिक सस्टेनेबिलिटी सिटी इंडेक्स की पहली रिलीज तिमाही अपडेट के साथ जनवरी 2024 में निर्धारित है।

परंपरागत और आधुनिकता का सामंजस्यपूर्ण समिश्रण पेश होगा

विशाल सिंह के मुताबिक, वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स अयोध्या के लिए दूरदर्शिता को परिभाषित करता है, जो परंपरागत और आधुनिकता का सामंजस्यपूर्ण समिश्रण पेश करेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या विकास प्राधिकरण वैदिक सिद्धांतों पर आधारित शहर के विकास की कल्पना करना चाहता है। इसलिए इस दिशा में एआई की मदद ली जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सस्टेनेबल उपायों के माध्यम से शहर के समग्र विकास में तेजी लाने के लिए इस महीने की शुरुआत में ‘अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद’ नाम का एक विशेष बोर्ड का गठन किया था। इस समय अयोध्या में प्रतिदिन 35 हजार से 50 हजार की संख्या तक यात्री आते हैं। आने वाले समय में इस संख्या के कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।

Related News

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd