असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जब तक वह जीवित हैं, वह राज्य में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। इसके साथ ही उन्होंने असम में 2026 से पहले राज्य में बाल विवाह को खत्म करने का भी वादा किया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको राजनीतिक रूप से चुनौती देना चाहता हूं, मैं 2026 से पहले इस दुकान को बंद कर दूंगा।’
उन्होंने कहा, मेरी बात ध्यान से सुनो, जब तक मैं जीवित हूं, मैं असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। मैं आपको राजनीतिक रूप से चुनौती देना चाहता हूं, मैं 2026 से पहले इस दुकान को बंद कर दूंगा। राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार रात को बाल विवाह के सामाजिक खतरे को समाप्त करने के लिए अधिनियम को निरस्त करने के निर्णय को मंजूरी दे दी। इस फैसले का सत्तारूढ़ भाजपा ने स्वागत किया, जबकि विपक्षी दलों ने यह कदम, ‘मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण’ बताया।
असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को निरस्त करने के बाद, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि राज्य की मुस्लिम महिलाओं को “अत्याचार और शोषण” से राहत मिलेगी। नगांव में मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि उनकी सरकार लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में बाल विवाह के खिलाफ एक और अभियान चलाएगी।
बाल विवाह के बारे में बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि, बाल विवाह करने वाले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनमें से कुछ को 10-15 साल की सजा हुई।” लोकसभा चुनाव के बाद असम में बाल विवाह के खिलाफ एक और अभियान चलाया जाएग और मैं 2026 से पहले इस मुद्दे को पूरी तरह खत्म कर दूंगा।