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भारतीय छात्रों पर हो रहे आत्मघाती हमले पर अमेरिकी सरकार सख्त, हिंसा बर्दाश्त नहीं

वॉशिंगटन। अमेरिका में भारतीय छात्रों पर हो रहे हमलों पर व्हाइट हाउस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए व्हाइट हाउस के मुख्य प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि नस्ल, लिंग, धर्म या किसी भी अन्य कारणों से अमेरिका में हिंसा नहीं की जा सकती। हमें यह अस्वीकार्य है। राष्ट्रपति जो बाइडन और पूरा प्रशासन ऐसे हमलों के खिलाफ सजग हैं। हम अमेरिका की धरती पर हमलों को रोकने के लिए
लगातार काम कर रहे हैं।

विवेक तनेजा पर हमला, पांच दिन बाद मौत

अधिकारियों के मुताबिक, दो फरवरी को 15वीं स्ट्रीट नॉर्थवेस्ट के 1100 ब्लॉक पर रात करीब दो बजे भारतीय छात्र विवेक तनेजा (41 वर्षीय) फुटपाथ पर पड़ा मिला। उन्हें जानलेवा चोटें आई हुईं थीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। शुरुआती जांच में पाया गया कि तनेजा और एक व्यक्ति के बीच कहासुनी हुई थी, जिसके बाद अज्ञात व्यक्ति ने तनेजा को जमीन पर गिरा दिया और उसका सिर फुटपाथ पर जा लगा। सात फरवरी को अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पुलिस अब तनेजा की मौत को हत्या मानकर चल रही है।

सैयद मजाहिर अली की भी मौत

अमेरिका के शिकागो में छह फरवरी को एक भारतीय छात्र पर जानलेवा हमला हुआ था। पीड़ित छात्र की पहचान हैदराबाद के रहने वाले सैयद मजाहिर अली के रूप में हुई। भारतीय मिशन ने अली और उनके परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा कि वह पीड़ित छात्र अली के साथ-साथ भारत में उनकी पत्नी के संपर्क में है। स्थानीय अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। भारतीय छात्र पर हमले का वीडिया भी सोशल मीडिया पर सामने आय, जिसमें अली अपने ऊपर हुए भयानक हमले के बारे में बता रहा है। घटना के बारे में बता रहे हैं और उसके शरीर से खून बह रहा था। सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक अन्य वीडियो में शिकागो की सड़कों पर तीन हमलावर अली का पीछा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

सिनसिनाटी में भी रेड्डी की मौत

अमेरिका के ओहियो के सिनसिनाटी में भी एक भारतीय छात्र की मौत हो गई, जिसकी वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई। छात्र की पहचान श्रेयस रेड्डी के रूप में हुई और वह लिंडर स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़ाई कर रहा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि रेड्डी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से गहरा दुख हुआ। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। हम परिवार के संपर्क में है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। उम्मीद है कि उनके पिता के जल्द ही भारत से अमेरिका आएंगे।

इसी साल जनवरी में भी और भी मौतें हुईं

इसके अलावा पर्ड्यू विश्वविद्यालय के छात्र नील आचार्य की भी अमेरिका में मौत हो गई थी। आचार्य कुछ दिनों से लापता था। कुछ घंटों बाद विश्वविद्यालय परिसर में एक शव मिला और उसकी पहचान आचार्य के रूप में हुई। वहीं, हरियाणा के पंचकुला का निवासी विवेक सैनी की भी 16 जनवरी को जॉर्जिया के लिथोनिया में एक बेघर व्यक्ति ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। विवेक जॉर्जिया के लिथोनिया में एमबीए कर रहा था। इसके अलावा, भारतीय छात्र अकुल धवन भी जनवरी में इलिनोइस विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन (यूआईयूसी) के बाहर मृत पाया गया था। 18 वर्षीय छात्र के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। पीएम रिपोर्ट से साफ हुआ कि उनकी मौत हाइपोथर्मिया से हुई थी।

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