- मुंबई में बुधवार को द केरला स्टोरी फिल्म टीम ने आयोजित की प्रेस वार्ता
- धर्मातंरण की शिकार केरल की 26 लड़कियों को लाया मीड़िया के सामने
मुंबई में बुधवार को द केरला स्टोरी फिल्म के पूरे समूह ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की। इस प्रेस वार्ता में फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने 26 लड़कियों को सामने लाया। ये सभी वो लड़कियां हैं जो केरल से आई हैं और धर्मातंरण से पीडित हुई थी। इतना ही नहीं इसमें आई हुई लड़कियों ने बताया कि हमारे साथ सिर्फ लड़कियां ही नहीं बल्कि कई लड़के भी थे, जो धर्मातंरण का शिकार हुए। वहीं इसमें शामिल लड़कियों का कहना है कि हम भले ही किसी भी धर्म के हों लेकिन सभी को आईएसआई में भेजना ही इनका मकसद होता है।
दर्शकों ने जवाब दे दिया ये सिर्फ प्रचार नहीं वास्ताविकता है
फिल्म निर्माता विपुल शाह ने कहा कुछ लोगों का कहना था ये फिल्म सिर्फ प्रचार के लिए बनाई गई है इसमें वास्ताविकता कुछ भी नहीं है। जिसका जबाव हमारे फिल्म के दर्शकों ने उन्हें दे दिया है। इन लड़कियों का परिचय कराते हुए उन्होनें कहा हम धर्मातंरण की साक्षी रही 26 लड़कियों से आपको मिलवा रहे हैं। ये कहानी सिर्फ केरल की नहीं पूरे भारत की है। हमारी जिम्मेदारी है कि सिर्फ फिल्म न देखें बल्कि इनकी आवाज भी बनें।
मैनें अपनों को ही मानने लगी काफिर
इन लड़कियों में से एक अनघा जयगोपाल ने बताया कि उसका धर्मातंरण दो साल पहले हुआ था। उसकी हालात भी द केरला स्टोरी की शालिनी जैसा था। जब मैनें फिल्म देखी ऐसा लगा मेरी ही फिल्म सामने चला दी गई हो। मैं फिल्म देखते-देखते रोने लगी थी। मैं अपने परिवार के लोगों को काफिर कहने लगी थी। मेरे घर में नीचे पूजा होती थी ऊपर छत में मैं नमाज पढ़ती थी।
सिर्फ लड़की नहीं, लड़कों का भी हुआ धर्मातंरण
पीड़ित लड़कियों में से ही एक चित्रा ने कहा, ‘इनमें सिर्फ लड़कियां नहीं बल्कि लड़के भी थे। जिन लोगों का धर्मातंरण हुआ, उन्होंने अपने परिवार को पूरी तरह त्याग दिया। वहीं इन लोगों का रिकॉर्ड न होने का कारण बताते हुए उसने कहा कि इन परिस्थिति से बाहर आने के बाद कोई भी सामने नहीं आना चाहता बल्कि सभी अपनी पहचान छिपा के रखना चाहते हैं।’