Home » बिहार के ठग की वेबसाइट से बने 20 हजार फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड, 10वीं पास आरोपी ने यूट्यूब से सीखा फर्जीवाड़ा

बिहार के ठग की वेबसाइट से बने 20 हजार फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड, 10वीं पास आरोपी ने यूट्यूब से सीखा फर्जीवाड़ा

सायबर सायबर क्राइम शाखा ने बिहार से आरोपी को किया गिरफ्तार, वेबसाइट पर हुए 28 हजार हिट्स

भोपाल। मप्र में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के ठीक पहले स्टेट सायबर क्राइम पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। स्टेट सायबर क्राइम के अनुसार बिहार के युवक ने एक वेबसाइट बनाई थी। इस वेबसाइट के जरिए फर्जी आईडी कार्ड, आधार कार्ड व पेन कार्ड बनाए गए हैं। मप्र के 20 हजार मतदाता इसी ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए बनाए गए वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। वेबसाइट बनाने वाले आरोपी युवक को पुलिस ने बिहार के चंपारन से गिरफ्तार किया है।
मप्र स्टेट साइबर के एडीजी योगेश देखमुख ने बुधवा को संवादा माध्यमों से चर्चा में बताया कि भोपाल की राज्य सायबर पुलिस ने ऑनलाइन माध्यम से फर्जी पहचान-पत्र बनाकर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया तथा आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले आरोपी को महज 2 सप्ताह में बिहार के पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

एडीजी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समस्त राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को यह शिकायत भेजी गई कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी वेबसाइट बनाकर उससे लोगों के अवैध मतदाता फोटो पहचान पत्र तैयार किए जा रहे हैं। भोपाल स्थित राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय को मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से 27 मार्च 2024 को यह जानकारी प्राप्त हुई। एडीजी श्री देशमुख ने बताया कि उक्त शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना टीम द्वारा बिहार के हरसिद्धि, मोतिहारी, पूर्वी चंपारण में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अलग-अलग स्थानों पर आरोपी की पहचान स्थापित करने के लिए तकनीकी तथ्यों व ओपन सोर्स इंटेलिजेंस नेटवर्क टूल्स के आधार पर कई लोगों से पूछताछ की तथा मुख्य आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर अपराध में प्रयुक्त फर्जी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोर्ड आदि विधिवत जब्त किए।

तत्पश्चात पुलिस ने गहन तकनीकी साक्ष्यों का संग्रहण कर इस केस के मास्टरमाइंड आरोपी रंजन पिता अशोक चौबे आयु 20 वर्ष, निवासी सोनवर्षा, थाना हरसिद्धि, जिला पूर्वी चंपारण, बिहार को चिन्हित् कर पूर्वी चंपारण, बिहार से मात्र 2 सप्ताह में गिरफ्तार कर लिया गया।

20 रुपए में बन जाती थी फर्जी आईडी

एडीजी ने बताया कि आरोपी द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति किसी भी अन्य का फोटो. नाम, पता, हस्ताक्षर एवं अन्य जानकारी का उपयोग कर फर्जी मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड के माध्यम से मात्र 20 रुपए का भुगतान कर फर्जी आईडी प्राप्त कर सकता था या फिर उसे मूल आईडी के रूप में भी उपयोग कर सकता था। उन्होंने बताया कि इस फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स हो चुके हैं और नवंबर से अब तक आरोपी इस वेबसाइट के माध्यम से 3 लाख रुपए ठग चुका है।

आरोपी रंजन मात्र 10 वीं कक्षा पास है। उसने वेबसाइट बनाने का पूरा कार्य यू-ट्यूब के माध्यम से सीखा । उसने ऑनलाइन माध्यम से सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपए प्राप्त करने लगा। उसने उत्तर प्रदेश से फर्जी सिम ली, पेटीएम व एसबीआई के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनाया। वेबसाइट तैयार करने के लिए आरोपी ने विदेश में स्थित कंपनी से डोमेन खरीदा, टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग की। आरोपी हर कम्युनिकेशन के लिए फर्जी ई-मेल का इस्तेमाल करता था।

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