कर्नाटक विधानसभा में पर्याप्त बहुमत पाने के बावजूद कांग्रेस को मुख्यमंत्री चयन करने में पसीने छूट गए। चार दिनों तक लंबी मैराथन बैठक के बाद कल देर रात मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बन पायी। प्रदेश अध्यक्ष डी शिवकुमार ने अपनी दावेदारी पर नरमी दिखाते हुए सिद्धारमैया के नाम पर हामी भर दी। कांग्रेस ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और डी शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की औपचारिक घोषणा कर दी है। शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को होगा। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष की कमान फिलहाल डी शिवकुमार के पास ही रहेगी।
इस बाबत सिद्धारमैया ने ट्वीट किया कि कन्नडिगा लोगों के हितों की रक्षा के लिए हम हमेशा मिलकर काम करेंगे। कांग्रेस पार्टी जनहितैषी, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने और सभी गारंटी को पूरा करने के लिए परिवार की तरह काम करेगी। उन्होंने एक फोटो भी जारी की जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उनका और शिवकुमार का हाथ एकसाथ उठाकर एकजुटता प्रदर्शित कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार ने भी इसी तस्वीर को ट्वीट करते हुए लिखा कि कर्नाटक का सुरक्षित भविष्य और हमारी जनता का कल्याण हमारी शीर्ष प्राथमिकता है और हम इसे सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हैं। उपमुख्यमंत्री मनोनीत किए जाने पर खुश हैं या दुखी के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे दुखी क्यों होना चाहिए? अभी लंबा रास्ता तय करना है। पार्टी में सब कुछ ठीक है और आगे भी सब कुछ ठीक रहने वाला है।
एक वीडियो कॉल और निकला कर्नाटक का हल
सूत्रों के अनुसार शिमला से सोनिया गांधी ने बुधवार देर शाम डीके शिवकुमार से बात की और इसके बाद ही नंबर 2 के लिए राजी हुए। शिवकुमार पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को ना नहीं कर पाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी के बीच बुधवार देर शाम एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग भी हुई। इस मीटिंग में एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार इस बैठक की जानकारी सिद्धारमैया और शिवकुमार को भी दी गई। कर्नाटक में पार्टी की जीत के बाद से ही डीके शिवकुमार की ओर से यह लगातार कहा गया कि उनको जो जिम्मेदारी दी गई उसे पूरा किया।