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हरियाणा में 3229 मामले एक साल से लंबित, पुलिसकर्मियों से गृहमंत्री अनिल विज ने मांगा जवाब

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आज पुलिस अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि जिन अधिकारियों/आईओ के पास एक साल से ज्यादा अवधि के एफआईआर जांच के मामले लंबित हैं उनका स्पष्टीकरण लिया जाए। इस बारे में जिन अधिकारियों/आईओ का संतोषजनक उत्तर नहीं मिलेगा, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। विज सोमवार को पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि राज्य में 3229 मामले एक साल से लंबित है। जिलावार ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि अंबाला में 77, भिवानी में 45, चरखी-दादरी में 13, फरीदाबाद में 140, फतेहाबाद में 54, जीआरपी अंबाला कैंट में एक, गुरूग्राम में 981, हांसी में 27, हिसार में 106, झज्जर में 132, जींद में 62, कैथल में 39, करनाल में 100, कुरूक्षेत्र में 94, महेन्द्रगढ में 38, नूंह में 165, पलवल में 292, पंचकूला में 114, पानीपत में 37, रेवाडी में 98, रोहतक में 151, सिरसा में 177, सोनीपत में 83 और यमुनानगर में 203 मामले एक साल से लंबित हैं। इसके अलावा, उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी व्यक्ति पर 10 से अधिक अपराधिक मामले दर्ज है तो उनकी सूची भी तैयार करके उन्हें उपलब्ध करवाई जाए।

कबूतरबाजी के मामलों के लिए एसआईटी गठित
गृह मंत्री विज ने कहा कि राज्य में कबूतरबाजी के मामलों से निपटने के लिए एसआईटी का गठन किया गया हैं, जिस पर गृह मंत्री को अवगत कराया गया कि 17 अप्रैल को नवगठित एसआईटी को 332 लंबित मामले पिछली एसआईटी से मिलें थे जबकि 68 मामलें अब नए दर्ज किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि एसआईटी में कबूतरबाजी के तहत अब तक 5 व्यक्तियों को गिरफतार करने में सफलता हासिल कर ली है। इसके अलावा, एसआईटी की कार्यप्रणाली को पुख्ता रखने के लिए प्रत्येक जिला में नोडल अधिकारियों को नियुक्त भी कर दिया गया है। बैठक में श्री विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कबूतरबाजी पर लगाम कसने के लिए विदेशों में भेजने वाली एजेंसियों हेतू 15 दिनों के भीतर नियमों को तैयार किया जाए। इससे गलत कार्य करने वाली एजेंसियों के झांसे में लोग नहीं फसेंगें।

साइबर थानों में आईटी एक्सपर्ट रखेंगे
इसी प्रकार, साइबर अपराध को रोकने के लिए राज्य के 29 साइबर पुलिस थानों में आईटी एक्सपर्ट रखे जाएंगें। इसके अलावा, पुलिस कर्मचारियों को आईटी से संबंधित प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। बैठक में बताया गया कि 764 मामले साइबर अपराध के दर्ज हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए आर्टिफिशयल इंटलीजेंस इत्यादि तकनीक का उपयोग किया जाए। विज ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के नेशनल हाइवे और राज्य हाइवे पर सीसीटीवी कैमरों को स्थापित करने का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए। बैठक में बताया गया कि पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य लगभग 75 प्रतिशत हो चुका है तथा आगामी 15 जून, 2023 इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, लेन ड्राइविंग और यातायात संकेत बोर्ड भी लगाए जाने चाहिए। श्री विज ने फोरेसिंक प्रयोगशाला को अत्याधुनिक करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि फोरेसिंक से जुडे मामलों को जल्द से जल्द से निपटाया जा सकें।

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