भोपाल। मप्र कैडर के आईएएस व एक महिला अधिकारी के बीच की फर्जी वाट्सअप चैट को इंदौर के एक कारोबारी के कहने पर उसके कर्मचारी ने वायरल किया था। क्राइम ब्रांच ने कर्मचारी को इंदौर से दबोच लिया है जबकि उसका सेठ फरार होने में कामयाब रहा है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि कारोबारी के गिरफ्त में आने के बाद पता चल सकेगा कि उसने किस नीयत से फर्जी चैट के स्क्रीनशॉट वायरल करवाए।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व महिला अधिकारी के बीच वाट्सएप की फर्जी चैट के स्क्रीनशॉट वायरल होने से प्रशासनिक हल्कों में हड़कंप मच गया था। दोनों अधिकारियों ने भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा को मामले की शिकायत की थी। इसमें कहा गया कि आपत्तिजनक चैट का स्क्रीन शॉट उन्हें बदनाम करने एवं याति को धूमिल करने की दृष्टी से अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दुर्भावना एवं रंजिशवश सोशल मीडिया पर वायरल कर प्रसारित किया जा रहा है जिससे अत्यधिक बदनामी एवं मानहानि तथा मानसिक वेदना हो रही है जिसे रोका जाना आवश्यक है। आयुक्त ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी थी। जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गठित कर दी गई।
टीम द्वारा आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकि साधनों से पता लगाया कि इंदौर के रहने वाले जावेद मोहम्मद पिता शफी मोहम्मद खान ने अपने सेठ रमनवीर सिंह अरोरा के कहने पर उक्त फर्जी कूटरचित स्क्रीन शॉट, एप के माध्यम से बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किए थे। यह पता चलते ही क्राइम ब्रांच की टीम ने जावेद को गिरफ्तर कर लिया। जबकि मुख्य आरोपी रमनवीर अरोरा फरार हो गया है जिसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह गरीब तबके की महिलाओं को पैसों का लालच देने के बाद उनके नाम पर मोबाइल सिम खरीदता था। आरोपी इंदौर के खजराना इलाके का रहने वाला है तथा पांचवीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है।