नवंबर में ठंड का मौसम आमतौर पर शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल भारत के कई हिस्सों में अब भी गर्मी महसूस की जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि ठंड आने में देरी के कारण क्या हैं और गुलाबी ठंड का एहसास कब से शुरू होने की उम्मीद है।
ठंड में देरी के कारण क्या हैं?
- वायुमंडलीय परिस्थितियां: इस साल उत्तर भारत में ठंड के शुरुआती संकेत कम दिखाई दे रहे हैं। वायुमंडल की उच्च स्तरीय गतिविधियां, जैसे कि हवा के प्रवाह में बदलाव, देरी का एक कारण हो सकती हैं।
- समुद्री प्रभाव: प्रशांत महासागर में हो रहे एल-नीनो प्रभाव का असर भारत के मौसम पर पड़ रहा है, जिससे सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किए जा रहे हैं। एल-नीनो का असर अक्सर दक्षिण एशिया में मौसम को अस्थिर कर देता है।
- ग्लोबल वार्मिंग का असर: वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी से मौसमी बदलाव प्रभावित हो रहे हैं, जिससे मौसम में असंतुलन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मौसम की परंपरागत ठंड का अनुभव देरी से हो रहा है।
ठंड कब से शुरू होने की उम्मीद है?
IMD के अनुसार, उत्तर भारत में नवंबर के मध्य से ठंड का असर धीरे-धीरे महसूस होना शुरू हो सकता है। हालांकि, दिसंबर के शुरुआती दिनों से ही ठंड बढ़ने की संभावना है, जब हिमालय से ठंडी हवाएं उत्तर भारत में प्रवेश करेंगी। गुलाबी ठंड का असली अहसास दिसंबर के मध्य में और जनवरी की शुरुआत में ही महसूस किया जा सकता है।
क्या नवंबर के अंत तक ठंड महसूस होगी?
नवंबर के अंत तक ठंड का असर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हल्का-फुल्का महसूस हो सकता है, जबकि पहाड़ी इलाकों में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत में तापमान अपेक्षाकृत गर्म बना रह सकता है।
ठंड में देरी के असर
ठंड में देरी का असर कृषि, स्वास्थ्य, और ऊर्जा मांग पर पड़ सकता है। किसानों के लिए रबी की फसल की बुआई में देरी हो सकती है, और सर्दी के मौसम में बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके साथ ही, ऊर्जा की मांग भी बढ़ेगी क्योंकि लोगों को हीटिंग की आवश्यकता अधिक समय तक रहेगी।
मौसम विज्ञानियों का मानना है कि मौसम में देरी असामान्य जरूर है, पर यह नई वैश्विक परिस्थितियों का परिणाम हो सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम के अनुसार अपने स्वास्थ्य और फसलों का ध्यान रखें। दिसंबर के आते-आते उत्तर भारत में ठंड का असर बढ़ने लगेगा और गुलाबी ठंड का अनुभव किया जा सकेगा।