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- ट्रेन में हुई इस वारदात ने हर किसी को झकझोर दिया था, अब चेतन से जुड़ी कई जानकारियां सामने आई हैं.
- 2007 में जब चेतन के पिता की मौत हुई तब उनकी जगह पर चेतन की बतौर आरपीएफ कॉन्स्टेबल नियुक्ति की गई.
नई दिल्ली: दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के कॉन्स्टेबल चेतन सिंह ने बीते दिन अपने सीनियर ऑफिसर समेत 4 लोगों को गोली मार दी थी. चलती ट्रेन में हुई इस वारदात ने हर किसी को झकझोर दिया था, अब चेतन से जुड़ी कई जानकारियां सामने आई हैं. जिनमें एक दावा यह भी है कि वह मानसिक रूप से तनाव में था और इस बीच अपनी ड्यूटी भी कर रहा था. वहीं, एक्सपर्ट्स ने भी चेतन से जुड़े इस मामले में अहम दावे किए हैं. मूलरूप से हाथरस का रहने वाला चेतन का परिवार अभी मथुरा में रहता था. 2007 में जब चेतन के पिता की मौत हुई तब उनकी जगह पर चेतन की बतौर आरपीएफ कॉन्स्टेबल नियुक्ति की गई. पश्चिमी रेलवे के चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर पीसी सिन्हा का कहना है कि चेतन काफी शॉर्ट टेम्पर्ड था और मानसिक तनाव से जूझ रहा था, वह हाल ही में छुट्टी से लौटा था. ट्रेन में उसने पहले अपने सीनियर को गोली मारी और बाद में जो सामने आया उसे भी मार दिया. चेतन के छोटे भाई लोकेश का कहना है कि करीब 6 महीने पहले ही मुझे पता लगा था कि चेतन मानसिक तनाव में है और डॉक्टर की हेल्प ले रहा है. वह अपने सीनियर्स से काफी परेशान था, वह इससे भी खफा था कि सीनियर्स उसकी परेशानी नहीं समझ रहे हैं. एक सवाल ये भी पैदा होता है कि जब चेतन मानसिक तनाव से जूझ रहा था, तब उसे हथियार क्यों दिया गया था. क्योंकि सरकारी हथियार से ही उसने इस घटना को अंजाम दिया है. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस पक्ष की जांच होनी चाहिए क्योंकि अगर उसके साथियों और सीनियर्स को चेतन की मानसिक हालत का पता था, तब हथियार नहीं दिए जाने चाहिए थे. गौरतलब है कि मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस में सोमवार सुबह 5 बजे आरपीएफ के कॉन्स्टेबल चेतन ने फायरिंग की थी, इस फायरिंग में एएसआई टीकाराम की मौत हुई थी, इनके अलावा ट्रेन में सफर कर रहे 3 लोगों को भी गोली मारी गई थी. पुलिस ने चारों शवों को बोरिवली स्टेशन पर उतार पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था.