- हमले के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैबा और जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने का शक है।
नई दिल्ली। भारत पर आतंकी हमले कराने के लिए आतंकवादी संगठन ना केवल नौजवानों को बहला फुसला रहे हैं बल्कि पाकिस्तानी आर्मी के रिटायर्ड जवानों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से पुंछ में वायुसेना के काफिले पर गोलियां बरसाई गई, उसे देखते हुए इस शक को और बल मिल रहा है। सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ समय से जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले किए जा रहे हैं उसमें ट्रेंड हमलावरों का हाथ लग रहा है। ये पहले से ही पॉइंट ब्लैक जैसे हमले करने में भी माहिर है। शक है कि इन सभी का भी आतंकवादिया के साथ हा पीओके में ट्रेंड किया जा रहा है। पाकिस्तान आर्मी से रिटायर्ड कुछ जवानों और कमांडों को चुनकर इन हमलों में लगाया जा रहा है। हमले के पीछे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैबा और जैश-ए-मोहम्मद के हाथ होने का शक है। ये जम्मू-कश्मीर में रह रहे कुछ स्थानीय लोगों के भेष में स्लीपर सेल मदद कर रहे हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि पुंछ में 4 मई को हमला हुआ 3 मई को पीओके में हुई रैली में मोस्ट वांटेड आतंकियों ने भी हिस्सा लिया था। शनिवार को पुंछ के सुरनकोट इलाके में हुए इस हमले में वायुसैनिक विवेक पहाड़े शहीद हो गए थे और चार अन्य घायल हैं। खुफिया सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से आतंकियों ने सिर, गर्दन और सीने पर गोलियां बरसाईं। इसे देखते हुए शक है कि पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड लोगों का इस्तेमाल आतंकी हमलों में हो रहा है।