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- भारत अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के नजदीक लगभग 300 किलोमीटर लंबी 4 प्रमुख सीमा सड़कें बनाने की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन से चल रहे तनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारत अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के नजदीक लगभग 300 किलोमीटर लंबी 4 प्रमुख सीमा सड़कें बनाने की तैयारी कर रहा है। सरकार ने इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तलब की है। ये वो इलाके हैं, जहां वर्तमान में कोई सड़क मार्ग नहीं है। चीन से सीमा विवाद को देखते हुए इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। एक 72 किलोमीटर लंबी सड़क एलएसी के करीब तूतिंग से मुइरबे होते हुए बेम तक बनाई जाएगी। 58 किलोमीटर लंबी दूसरी सड़क तापा से हश होते हुए डिले तक बनाई जाएगी। 107 किलोमीटर लंबी एक तीसरी सड़क ह्युलियांग से कुंडाओ तक बनाई जाएगी और किबिथु से कुंडाओ तक एक चौथी सड़क बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई 52 किलोमीटर होगी। सीमा सड़क संगठन ने भी सड़कों से जुड़ी व्यवहार्यता रिपोर्ट मांगी है।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
रिपोर्ट के मुताबिक, इन सड़कों को अगर अरुणाचल फ्रंटियर राजमार्ग का हिस्सा बना दिया जाए तो इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है। वर्तमान में इन हिस्सों को जोड़ने वाली कोई सड़क नहीं है। “इस क्षेत्र में कोई सड़क नहीं है। लगभग 3 साल पहले किबिथू से कुंडाओ तक पैदल ट्रैक बनाया गया था, लेकिन यात्रा में समय लगता था। किबिथू चीनी सीमा के करीब है और यहां कोई सड़क मार्ग नहीं है।”