- आतंकी उजैर खान स्थानीय आतंकवादी है, जो कोकेरनाग के नौगम गांव का रहने वाला है।
- पिछले साल आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था।
- आतंकी उजैर पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा गया है।
जम्मू कश्मीर, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के कोकरनाग में चल रही मुठभेड़ का सोमवार को छठा दिन है। कोकरनाग के गडूल जंगलों में जारी ऑपरेशन में अब तक पांच आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया जा चुका है। यहां से एक जला हुआ शव भी बरामद किया गया है। माना जा रहा है कि ये शव आतंकी उजैर खान का हो सकता है। ऐसे में अब आतंकी उजैर खान के परिवार के सदस्यों का डीएनए सैंपल इसकी पड़ताल की जाएगी। कोकरनाग में हुई मुठभेड़ में 13 सितंबर को तीन सुरक्षा अधिकारी वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा टीआरएफ ने ली थी। बताया जा रहा है कि इस हमले में 10 लाख के इनामी आतंकी उजैर का हाथ है। उजैर खान स्थानीय आतंकवादी है, जो कोकेरनाग के नौगम गांव का रहने वाला है। वह जून 2022 से आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है।सोमवार को मौके पर वरिष्ठ अधिकारी डीजीपी और एडीजीपी के मुठभेड़ स्थल पर पहुंचने की संभावना है। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन का दायरा अब आसपास के गांवों तक बढ़ा दिया है। चिह्नित ठिकानों पर मोर्टार व अन्य हथियारों के जरिये विस्फोट किया जा रहा है। सुरक्षाबलों की आक्रामक रणनीति के बाद पहाड़ों के चप्पे-चप्पे से वाकिफ आतंकी लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल घने जंगल में छिपे दहशतगर्दों की निगरानी के लिए ड्रोन और हेलिकॉप्टरों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि बीते बुधवार से आतंकी यहां शरण लिए हुए हैं।
सुरक्षा बलों ने जंगल की ओर कई मोर्टार गोले दागे। घने जंगल में प्राकृतिक गुफाओं में आतंकियों ने ठिकाना बना रखा है। एहतियात के तौर पर पड़ोसी पॉश क्रेरी इलाके में सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी नागरिक बस्तियों में न घुस जाएं। पुलिस का मानना है कि दो से तीन आतंकवादी वन क्षेत्र में फंसे हुए हैं क्योंकि बलों ने कड़ी घेराबंदी कर रखी है। सुरक्षा बल लगातार इलाके में घेराबंदी बनाए हुए हैं। पहाड़ी पर जहां संभावित ठिकाने होने का शक है वहां से लगने वाले सभी रास्तों को लगभग सील कर दिया गया है। आगंतुकों को पूछताछ के बाद ही जाने की अनुमति दी जा रही है।
कोकेरनाग के गडूल जंगलों में बीते मंगलवार को आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली। पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन आतंकियों का पता नहीं चल सका। रात होने पर फिर ऑपरेशन रोक दिया गया। बुधवार को एक बार फिर ऑपरेशन शुरू हुआ। सूचना मिली कि आतंकवादी एक पहाड़ी की चोटी पर हैं। सुरक्षाबल आगे बढ़े पहाड़ी की चोटी पर पहुंचने के लिए बलों को जो रास्ता अपनाना पड़ा, जो कि काफी चुनौतीपूर्ण था। जैसे ही दल गुफा के पास पहुंचा तो वहां छिपे आतंकवादियों को उनकी स्पष्ट झलक मिल गई। उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। संकरे रास्ते पर फंसे होने के कारण कर्मियों के पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी, जिसके चलते दो सेना के अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए। घायल अधिकारियों मुठभेड़ स्थल से बाहर निकालना भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा। अन्य कर्मियों और हेलीकॉप्टर दोनों द्वारा उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। शुरुआती गोलीबारी के दौरान 19 आरआर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और पूर्व डीआईजी कश्मीर गुलाम मोहम्मद भट के बेटे डीएसपी हुमायूं भट वीरगति को प्राप्त हुए।