- इलाज की दरें तय करने से अस्पतालों को वित्तीय रूप से अव्यवहार्य बनाने जैसे गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं।
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि किसी डॉक्टर या अस्पताल की फीस तय करने की जिम्मेदारी राज्यों के पास है। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को 37 पेज के हलफनामे में जानकारी दी है कि क्षेत्रीय कारकों के आधार पर इलाज की राशि निर्धारित होनी चाहिए। एक मरीज को कितना भुगतान करना चाहिए? यह अस्पताल का प्रकार, शहर और डॉक्टर के अनुभव पर निर्धारित होता है। मंत्रालय ने यहां तक कहा है कि किसी भी मूल्य सीमा को तय करने से स्वास्थ्य देखभाल या रोगी उपचार की गुणवत्ता में गंभीर समझौता हो सकता है। इलाज की दरें तय करने से अस्पतालों को वित्तीय रूप से अव्यवहार्य बनाने जैसे गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं।