भोपाल। गौतम नगर इलाके में प्रिटिंग प्रेस चलाने वाले एक संचालक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनके पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि वह आर्थिक तंगी से परेशान चल रहे थे। बड़ी रकम ब्याज पर लेकर संचालक ने काम पूरा किया था, लेकिन भुगतान नहीं मिलने के कारण वह काफी परेशान चल रहे थे। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराने के बाद लाश परिजन को सौंप दी है। घरवालों के शोकाकुल होने के कारण बयान नहीं हो पाए हैं।
पुलिस के मुताबिक रवींद्र कुशवाहा (55) विवेकानंद कालोनी करोंद में रहते थे और डीआईजी बंगला के पास ग्रीनपार्क कालोनी में प्रिटिंग प्रेस चलाते थे। उनका एमपी नगर में भी प्रिटिंग का काम है। परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं। एक बेटी पढ़ाई कर रही है, जबकि बड़ी बेटी प्रायवेट काम करती है। रवींद्र के पास पिछले कुछ दिनों से फ्लैक्स बनाने का काम ज्यादा था, इसलिए वह दिनरात काम कर रहे थे। गुरुवार रात करीब दस बजे प्रेस में काम करने वाले कर्मचारी अपने घर चले गए थे, जबकि रवींद्र काम कर रहे थे।
शुक्रवार सुबह कर्मचारी काम पर पहुंचे तो प्रिंटिंग प्रेस का दरवाजा भीतर से बंद मिला। काफी प्रयास करने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो एक कर्मचारी ने एक्जास्ट फैन को धक्का देकर भीतर झांका दे रवींद्र फांसी के फंदे पर लटके मिले। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर पीएम कराया और लाश परिजनों को सौंप दी।
घटनास्थल से नहीं मिला सुसाइड नोट
पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से अभी कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। परिजनों के शोकाकुल होने के कारण बयान नहीं हो पाए हैं। काम करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि रवींद्र पर काफी कर्जा हो गया था, जिसे वह चुका नहीं पा रहे थे। पिछले दिनों उन्होंने आर्डर पर काम पूरा करके दिया था, लेकिन भुगतान नहीं मिलने के कारण परेशानियां बढ़ गई हैं। उन्होंने बाजार से उधारी ले रखी थी, इसलिए कर्जा वापस करने का दबाव भी था। अनुमान कि इसी आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया होगा।