जातीय हिंसा के ग्रस्त मणिपुर में फंसे मध्यप्रदेश के 24 छात्र-छात्राओं की प्रदेश वासपी हो गई है। प्रदेश सरकार तीन दिन से लगातार प्रयास कर रही थी छात्रों की प्रदेश वापसी के लिए, बुधवार को सफलता मिल गई है। मंंगलवार रात 9:30 बजे प्रदेश के 24 छात्रों को लेकर अलाएंस एयर का विमान देर रात गुवाहाटी पहुंचा था। बुधवार को सभी 24 छात्रों को गुवाहाटी से कोलकाता लाया गया। कोलकाता से छिंदवाड़ा निवासी एक छात्र को नागपुर की नियमित पहुंचाया गया है। वहीं इंडिगो के विमान से 23 छात्रों को कोलकाता से रात आठ बजे इंदौर पहुंचाया गया। इंदौर से सभी 23 छात्रों को उनके गृह जिले भेजा जाएगा।
मणिपुर में क्यों हो रही हिंसा?
मणिपुर में मैतेई ट्राइब यूनियन पिछले एक दशक से मैतेई को आदिवासी दर्जा देने की मांग कर रही है। इसी सिलसिले में उन्होंने मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस सिफारिश में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के लिए कहा गया है। इससे आदिवासी भड़क गए। मैतेई और आदिवासियों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं।