–शव में लगे कीड़े, आयोग ने सीएमएचओ से मांगा जवाब
– पूछा : डीप फ्रीजर कब खरीदा, एनुअल मेंटेनेंस कांटे्रक्ट है या नहीं ?
मप्र मानव अधिकार आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन ने मानव अधिकारों से जुड़े दो मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। पहला मामला सागर जिले का है। जहां बीना के सिविल अस्पताल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। मामले में आयोग ने सीएमएचओ से प्रकरण के संबंध में पूर्ण प्रतिवेदन मांगा है। साथ ही यह भी पूछा है कि डीप फ्रीजर कब खरीदा था और इसकी एनुअल मेंटेनेंस कांटे्रक्ट (एएमसी) है या नहीं ?
आयोग के संज्ञान में आया है कि पुलिस ने दो दिन पहले पोस्टमार्टम के लिए एक अज्ञात शव अस्पताल की मर्चुरी में रखा था। दो दिन बात जब मर्चुरी को खोला गया, तो शव बुरी तरह से सड़ गया। शव में कीड़े लग चुके थे। इससे मर्चुरी के बाहर तक दुर्गंध आ रही थी। ऐसा इसलिये हुआ कि क्योंकि मर्चुरी का डीप फ्री जर खराब था। शव का आनन-फ ानन में पोस्टमार्टम कर इसे दफ ना दिया गया। मर्चुरी में इस कदर दुर्गंध फैली थी कि डीप फ ्रीजर के सुधार केे लिए अस्पताल आया तकनीशियन भी बुरी तरह सड़ चुके शव की बदबू से परेशान होकर सुधार का काम छोड़कर भाग गया। पता चला कि डीप फ ्रीजर बारह दिन से काम नहीं कर रहा था, जबकि मर्चुरी की देख-रेख और इसके उपकरणों के सुधार की पूरी जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होती है।