मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने भोपाल के उबेदिया हाईस्कूल और जहांगीरिया स्कूल की अव्यवस्थाओं पर संज्ञान लिया है। उबेदिया हाईस्कूल में दो मंजिला स्कूल में बीते आठ साल से बच्चों की क्लास गैलरी में लगने के मामले में आयोग ने कलेक्टर को जांच कराने और तीन सप्ताह के भीतर जवाब भेजने के निर्देश दिए हैं। वहीं इब्राहिमपुरा में जहांगीरिया स्कूल के जर्जर होने के मामले में आयोग ने लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त को तीन सप्ताह के भीतर जवाब भेजने के निर्देश दिए हैं।
यह है दोनो स्कूलों की स्थिति :
आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल शहर की ताजुल मसाजिद के पास वर्ष 1913 में बने उबेदिया हाईस्कूल में घुसते ही पुलिसकर्मी आने की वजह पूछते हैं। वो इसलिए कि, क्योंकि यहां बैलेट बॉक्स रखे हैं। इस दो मंजिला स्कूल में बीते आठ साल से बच्चों की क्लास गैलरी में लग रही है। यहां की प्राचार्या कहती हैं कि एक कमरे को छोड़ बाकी दस कमरों और दो हॉल में बैलेट बॉक्स रखे हैं। बारिश में बच्चों की छुट्टी करना पड़ती है। वहीं भोपाल शहर के इब्राहिमपुरा में जहांगीरिया स्कूल वर्ष 1895 का बना एक हेरिटेज स्कूल है। यहां की प्राचार्या कहती हैं कि यहां अचानक कभी भी छत का प्लास्टर या दीवार गिर जाती है। दूसरी मंजिल मेें बने कमरों में मलबे के ढेर लग चुके हैं। इसी के ठीक नीचे कम्प्यूटर और लैब पर तो पैसे खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन स्कूल की मरम्मत की सुध किसी ने नहीं ली।
कई महीनों से खुली है डीपी, कार्यपालन यंत्री से जवाब तलब :
भोपाल शहर के ऐशबाग स्टेडियम के पास रोड किनारे एक बिजली का डिस्ट्रीब्यूटर बॉक्स (डीपी) बीते कई महीने से खुला पड़ा है। ऐसे में हमेशा किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है। मामले में आयोग ने कार्यपालन यंत्री, मध्य क्षेत्र विविकंलि, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर लोगों की जीवन सुरक्षा हेतु की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।