भोपाल। राज्यस्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम डायल 100 के आॅडिटोरियम में बुधवार को एक दिवसीय जन जागरुकता प्रशिक्षण कार्यशाला और कानून जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। भोपाल पुलिस कमिश्नरेट, डायल 100 और स्वयंसेवी संस्था संगिनी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में 150 के लगभग प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। साथ ही प्रतिभागियों से विचार-विमर्श कर उनकी जिज्ञासाएं, विचार और सुझाव भी जाने। इस अवसर पर एडीसीपी नीतू ठाकुर, एसपी बीना सिंह, प्रॉसिक्यूशन आफिसर मनीषा पटेल, सूबेदार ऋतुराज वारिवा और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन संगिनी संस्था की डायरेक्टर प्रार्थना मिश्रा ने किया।
प्रत्येक दिन महिलाओं का हो – एडीसीपी नीतू ठाकुर
कार्यक्रम की मुख्यअतिथि एडीसीपी नीतू ठाकुर ने कहा कि महिलाएं इतनी सक्षम और स्वतंत्र हों कि प्रत्येक दिन उनका हो। महिला तभी पूर्ण सुरक्षित होगी, जब वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और शारीरिक रूप से मजबूत हो। उन्होंने कहा कि आप किसी को अपराध करते या अवैध गतिविधियां होते देखें तो पुलिस को तुरंत सूचना दें, यह आपका कर्तव्य है। जरूरत पड़ने पर संकोच न करें, हम आपकी सहायता के लिए सदैव तत्पर हैं। अपने बच्चों पर ध्यान दें कि वे गलत राह पर तो नहीं जा रहे या किसी के बहकावे में तो नहीं आ रहे हैं। साथ ही जो बच्चे सड़क पर घूमते दिखते हैं, उनके साथ कुछ गलत न हो, इसके लिए भी आप तैयार रहें। उन्होंने कहा कि कानून में महिलाओं को यह अधिकार है कि उनकी बात सच मानी जाए और सामने वाले पक्ष को यह साबित करना होता है कि महिला गलत कह रही है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए उनके जन्म से मृत्यु तक के लिए कई कानून बनाए गए हैं।
डायल 100 की स्थापना के बाद महिलाओं की हिचक हुई कम : एसपी बीना सिंह
एसपी बीना सिंह ने कहा कि पहले छोटी सी भी शिकायत करनी हो, घर में कोई समस्या हो गई हो या आस-पड़ोस में कोई भी घटना घटती थी तो महिलाओं और बच्चों को थाने जाने की जरूरत पड़ती थी। डायल 100 का मुख्य उद्देश्य है कि आपको थाने जाने की जरूरत न पड़े बल्कि पुलिस आपके दरवाजे तक पहुंचे। अब आप फोन करते हो तो पुलिस तत्काल आपकी सहायता के लिए आ जाती है। महिलाएं डरती हैं कि न जाने थाने में उनके साथ कैसा व्यवहार हो। डायल 100 की स्थापना के बाद यह संकोच और हिचक काफी कम हो गई है।
आपका भय दूर करने, आपको बड़ी दुर्घटना से बचाने, घायल को अस्पताल पहुंचाने और आग लगने पर फायर ब्रिगेड के साथ आग बुझाने के लिए डायल 100 कर्मचारी पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी अप्रिय घटना होने पर हमें बचकर निकलने के बजाय पुलिस को समय पर सूचना देना चाहिए। इस तरह हम महिलाओं और युवतियों के साथ होने वाले अपराधों को रोक सकते हैं। और पीड़ित की जान बचा सकते हैं। पुलिस को सूचना देने पर यदि आप चाहें तो आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
प्रतिभागियों को करवाया डायल 100 के कॉल सेंटर का भ्रमण
कार्यशाला में सभी उपस्थित सभी प्रतिभागियों को डायल 100 के कॉल सेंटर का भ्रमण भी करवाया गया। इस दौरान सभी ने डायल 100 की कार्यप्रणाली के बारे में जाना कि किस तरह विभिन्न स्थानों से परेशानियों से संबंधित कॉल आते हैं और किस तरह उनका तत्काल निराकरण किया जाता है। कार्यक्रम में उपस्थित सूबेदार ऋतुराज वारिवा ने सृजन अभियान के बारे में विस्तार से बताया।