सोमवार को गुजराज और महाराष्ट्र राज्य का स्थापना दिवस समारोह राजभवन में मनाया गया। राजभवन में अखंडता का उत्सव नाम से मनाए गए समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित गुजराज और महाराष्ट्र की वह विभूतियां भी शामिल हुईं, जो राजधानी में मौजूद थीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी के साथ भेदभाव का सवाल ही नहीं है। गुजरात और महाराष्ट्र से हमारे जो भी भाई-बहन आए, सब मध्यप्रदेश के हो गए। मुख्यमंत्री ने दोनों राज्यों से अपना भावनात्मक रिश्ता बताते हुए कहा कि मैं तो महाराष्ट्र का जमाई हूं और गुजराती स्कूल में मेरी प्रारंभिक शिक्षा हुई है। महाराष्ट्र और गुजरात योद्धाओं और संतों की भूमि है। गुजरात और महाराष्ट्र ने देश को अनेक महापुरूष दिए हैं। अखंड भारत के निर्माण और विकास में गुजराज के योगदान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संत नरसिंह मेहता, दुनिया को शांति का संदेश देने वाले अद्भुत महात्मा गांधी, राष्ट्र को एकीकृत करने वाले लौह पुरुष सरदार पटेल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा व्यक्तित्व जो अपने आप में संस्था है, गुजरात राज्य की भारत को देन है। सरदार पटेल ने ही भोपाल सहित 562 रियासतों को भारत संघ में विलय कराया था। समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सांदीपनि सभागार स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए।
स्थानीय संस्कृतियों से मिल कर बनी, भारतीय संस्कृति : राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने समारोह का संबोधित करते हुए कहा कि हिंद देश के निवासी, सब जन एक हैं। रंग, रूप, वेश, भाषा चाहे अनेक हैं। भारतीय संस्कृति का विकास विभिन्न स्थानीय संस्कृतियों से मिल कर हुआ है। हम सभी भारतीय है, यही भावना भारत को राष्ट्र का रूप देती है। अनेकता में एकता की भावना ही हमारे राष्ट्र का आधार है। भारत भूमि और भारत के निवासियों के प्रति प्रेम भाव रखना ही राष्ट्रीय एकता का स्वरूप हैं। राष्ट्रीय अखंडता का अर्थ राष्ट्र की भूमि के हर भाग की सुरक्षा और विघटनकारी ताकतों के प्रयासों को विफल कर आंतरिक एकजुटता को बनाए रखना है। भारतीय के रूप में हमारी पहचान विभिन्न परम्पराओं, आचार, भाषा और संस्कृतियों के प्रति आदर और सम्मान का भाव रखना है। अनेकता में एकता और मिल-जुल कर खुशियां मनाने की भारतीय संस्कृति की विशिष्टता के भाव और भावनाओं का प्रति रूप राजभवन में आयोजित यह अखंडता का उत्सव है। मध्यप्रदेश के विकास में विभिन्न प्रदेश के लोगों के योगदान का अभिनंदन है। गुजरात और महाराष्ट्र राज्य के स्थापना दिवस के उत्साह और उमंग में मध्यप्रदेश के निवासियों की सहभागिता का प्रतीक है।