एमसीयू के विद्यार्थियों ने तैयार की एक मिनट बीस सेकंड की लघु फिल्म
भोपाल। एक युवक नींद से उठता है, तैयार होकर गाड़ी की चाबी उठाता है। जैसे ही बाइक चालू करने को होता है तभी उसकी नजर सामने से गुजर रहे आदमी पर पड़ती है। उसके हाथ में टमाटरों से भरी थैली है। उसमें से दो टमाटर गिर जाते हैं और पीछे से आ रही गाड़ी से वह बुरी तरह कुचल जाते हैं। ये दृश्य देखकर युवक को अहसास होता है कि उसने हेलमेट नहीं पहना तो उसका सिर भी इसी तरह फट जाएगा। वह तुरंत भीतर जाता है और हेलमेट उठाता है।
सड़क सुरक्षा पर डिसीजन शीर्षक से इस संदेशात्मक फिल्म को बनाया है माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के बीएससी फिल्म तथा सिनेमा स्टडीज के स्टूडेंट्स ने। दरअसल राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा लघु फिल्म महोत्सव छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए लघु फिल्म प्रतियोगिता भी हुई, जिसके लिए युवाओं ने इस फिल्म को बनाया व सबमिट किया।
व्यक्ति हेलमेट के उपयोग से अनजान
इस फिल्म के निर्देशक तथा डीओपी निखिल कुमार ने बताया कि फिल्म एक दिन में ही तैयार की है। शूटिंग से लेकर एडिटिंग सबकुछ एक दिन में किया। ये फिल्म दो मिनट बीस सेकेंड की है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म एक ऐसे व्यक्ति के दैनिक जीवन पर आधारित है जो हेलमेट के उपयोग से अनजान है। यह फिल्म एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है कि सड़क सुरक्षा सिर्फ एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि एक सामूहिक प्रयास है जिसमें अनगिनत जिंदगियां बचाने की क्षमता है। टमाटर के रूपक का उपयोग एक रचनात्मक स्पर्श जोड़ता है।
जो प्रभावी रूप से यह संदेश देता है कि हमारे सिर को उसी सुरक्षा की आवश्यकता है जो हम टमाटर जैसी नाजुक वस्तुओं को सहज रूप से प्रदान करते हैं। इस फिल्म के सिनेमेटोग्राफर अभिनव कुमार हैं। संपादक विराट वैभव और निखिल कुमार, स्क्रीप्ट राइटर निखिल कुमार साउंड तथा म्यूजिक निर्देशक तनिष्क भूरिया सहायक डीओपी सनी कुमार हैं। इस फिल्म के कलाकार हर्षित गुप्ता और तनिष्क भूरिया हैं।
Five friends made a decision to make helmet aware.