कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल करने के बाद कांग्रेस अब राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस ने चुनावी राज्यों में तैयारियों की समीक्षा के लिए 26 और 27 मई को दो दिवसीय बैठक बुलाई है। पहले दिन मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम को लेकर बैठक होगी। वहीं दूसरे दिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेताओं के साथ मिलकर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में पार्टी की तैयारी की समग्र जमीनी रिपोर्ट एकत्र करने के लिए बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा भी उपस्थित रह सकते हैं।
मध्यप्रदेश के साथ होने वाली बैठक में प्रदेश से चुने गए लोकसभा सदस्य नकुल नाथ और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, प्रदेश प्रभारी जे पी अग्रवाल, प्रभारी सचिव सी पी मित्तल, कुलदीप इंदौरा और संजय दत्त के अलावा सुरेश पचौरी,गोविंद सिंह,अजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया शामिल होंगे। इस बैठक में राज्य इकाई के प्रमुखों और राज्य प्रभारियों को अपने-अपने राज्यों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा जाएगा, जिसकी समय-समय पर निगरानी की जाएगी। कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अच्छे प्रदर्शन की तलाश में है। विधानसभा चुनावों से पहले, कांग्रेस मध्य प्रदेश में गारंटी देने का वादा कर रही है, जैसा कि पार्टी ने राजस्थान में किया है। कांग्रेस यह वादा कर रही है कि 500 रुपये में गैस सिलेंडर,मध्य प्रदेश में प्रत्येक महिला को 1,500 रुपये, मुफ्त बिजली की 100 यूनिट और 200 यूनिट तक आधा बिल, किसानों के लिए ऋण माफी, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का वादा। कांग्रेस ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा कि कर्नाटक में हमने पूरा किया हमारा वादा है, हम इसे मध्य प्रदेश में भी पूरा करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान और छत्तीसगढ़ कांग्रेस द्वारा शासित दो राज्य हैं जहां वह ‘कर्नाटक की रणनीति’ को दोहराते हुए सत्ता विरोधी लहर और गुटबाजी को दूर रखने की उम्मीद कर रही है। वहीं पार्टी मध्य प्रदेश में वापसी के लिए प्रयासरत है, जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया और कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद उसे सत्ता गंवानी पड़ी थी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी का विचार जमीनी स्तर तक पहुंचने के लिए एक प्रारंभिक रणनीति तैयार करना है। इन राज्यों में से एक के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तेलंगाना, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से होकर गुजरी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पार्टी को फायदा मिलेगा क्योंकि कार्यकर्ता पहले से ही सक्रिय हैं और पार्टी को यात्रा का लाभ मिलेगा, जैसा कि उसे कर्नाटक में मिला।
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