नए सत्र में कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने से पहले फीस निर्धारित करने की कवायत तेज हो गई है। उच्च शिक्षा विभाग के प्रोफेशनल कोर्स संचालित कालेजों की फीस निर्धारित करने के लिए प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति मप्र (एएफ आरसी) ने आवेदन बुलाए थे। अंतिम तारीख तक प्रदेश के 500 कॉलेजों की ओर से प्रस्ताव समिति के पास पहुंचे हैं। करीब 250 कॉलेजों की ओर से प्रस्ताव नहीं आए हैं। ऐसेमें अब यह कॉलेज काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं। हालांकि समिति की ओर से अगर तारीख बढ़ाई गई तो इन कॉलेजों को आवेदन का मौका मिल जाएगा। जिन कॉलेजों की ओर से समिति को प्रस्ताव मिले हैं, उनकी फीस तय करने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। समिति के अधिकारियों का कहना है कि कॉलेजों की फीस का निर्धारण जल्द ही किया जाएगा, ताकि कालेज काउंसलिंग में शामिल हो सकें। शेष कॉलेजों के आवेदन के लिए समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेश में करीब 750 बीएड और लॉ कॉलेज :
प्रदेश में ऐसे करीब 750 बीएड और लॉ कॉलेज हैं, जिन्हे समिति से फ ीस तय कराना है। समिति ने 31 मार्च तक सभी कॉलेजों से न्यूनतम फीस निर्धारण के लिए प्रस्ताव मंगाए थे। आखिरी तारीख तक करीब ढाई सौ कॉलेजों के प्रस्ताव नहीं आए हैं। बताया जाता है कि इन कॉलेजों की बैलेंस शीट तैयार नहीं हो पाई है। इन कॉलेजों ने कमेटी से आवेदन की तारीख बढ़ाने के लिए कहा है। आवेदन की तारीख बढ़ेगी या नहीं इस पर कमेटी की बैठक के बाद ही निर्णय हो पाएगा। वहीं कुछ बीएड कॉलेजों ने कम प्रवेश के कारण अपनी पूर्व निर्धारित फ ीस यथावत रखने का प्रस्ताव दिया था। फीस कमेटी ने ऐसे कॉलेजों की फीस निर्धारित कर दी है। फीस निर्धारण के साथ ही इन कॉलेजों को काउंसलिंग में शामिल होने की अनुमति मिल गई है।
यह है नियम :
विभागीय जानकारों का कहना है कि विधि सहित अन्य प्रोफेशनल कोर्स की फीस प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति द्वारा निर्धारित होना चाहिए। समिति के फीस के आदेश को अपनी प्रोफाइल के साथ विभाग में ऑनलाइन भेजी जाएगी। इसके बाद ही कालेजों को आगामी सत्र 2023-24 की काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा। आदेश के अभाव में उन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। इससे उन्हें प्रवेश की प्राप्ति नहीं होगी।