अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर 15 हजार डाक्टर हड़ताल पर चले गए। हड़ताल का असर जबलपुर, भोपाल, इंदौर सहित प्रदेश के 13 मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ केन्द्रों में पड़ा है। डाक्टरों की हड़ताल से गंभीर बीमारियों से पीडित व आपरेशन के इंतजार में बैठे मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ा है। हड़ताल का असर जबलपुर में भी देखने को मिला है, यहां पर डाक्टर हड़ताल पर चले गए है। बताया गया है कि डाक्टरों की हड़ताल समाप्त करने के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आवास पर एक बैठक भी हुई है। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सक संगठन के पदाधिकारियों सहित अन्य लोग शामिल हुए। जिसमें डाक्टरों ने केन्द्र के समान डीएसीपी लागू करने की मांग रखी, जिसपर कहा गया कि एक या दो बैठक के बाद फैसला लिया जाएगा, लेकिन डाक्टरों का कहना था कि बैठक करते करते चुनाव आचार संहिता लग जाएगी और कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। देर तक चली बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई जिसके चलते बुधवार को प्रदेशभर के 15 हजार डाक्टर हड़ताल पर चले गए। इधर स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि सरकार की ओर से सारे प्रयास किए जा रहे है, डाक्टरों से चर्चा चल रही है। कई मुद्दों पर सहमति बन गई है, एक मुद्दे है जिसपर सहमति नहीं बन पाई है लेकिन फिर भी बातचीत चल रही है। डाक्टरों से कहा गया है कि स्ट्राइक कॉल ऑफ करें। ये मानवता से जुड़ा मुद्दा है। इंदौर में डाक्टरों के हड़ताल पर जाने के बाद आयुष डाक्टरों को तैनात किया गया है। कलेक्टर सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों को व्यवस्थाओं को सम्हालने के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया है, वे मानिटरिंग कर रहे है। इसी तरह भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 150 निजी डाक्टरों की सेवाएं ली जा रही है, इसके अलावा अतिरिक्त चिरायु, आरकेडीएफ, जेके अस्पताल आदि में अतिरिक्त 1500 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। जरुरत पडने पर मरीजों को निजी अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकेगा। यहां पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल, जिला अस्पताल विक्टोरिया, रानीदुर्गावती एल्गिन अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ 600 से ज्यादा डाक्टर हड़ताल पर है, डाक्टरों का कहना है कि ओपीडी में मरीजों का इलाज नहीं करेगें। इस बीच कोई गंभीर मरीज आता है तो उसका हर हाल में उपचार कर जान बचाएगें। वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का कहना है कि वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर ली गई है। डाक्टरों की टीम को तैनात किया गया है, जो मरीजों के उपचार के लिए तत्पर रहेगी। मेडिकल व जिला अस्पताल विक्टोरिया में करीब 40 आपरेशन होना थे। जिन्हे टाल दिया गया था।
भोपाल के हमीदिया अस्पताल पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री
बुधवार देर रात को चिकित्सा शिक्षा विश्वास सारंग भोपाल के हमीदिया अस्तपाल पहुंचे। वहां उन्होने मरीजों से बात चीत की। साथ ही मंत्री ने हास्पिटल मैनेजमेंट और चिकित्सकों के साथ चर्चा भी की। इस दौरान अस्पताल के डीन और अधीक्षक भी मौजूद रहें।