प्रदेश में मनुष्यों के इलाज के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था तो वर्षों से थी, लेकिन पशुओं के बीमार होने पर उन्हें अस्पताल ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। पशु चिकित्सक को अगर आप बुलाकर घर ले भी आते थे, तो इलाज के लिए आवश्यक उपकरण अस्पताल से लाना संभव नहीं होता था। ऐसे में बेजुबान जानवरों के इलाज में कई परेशानियां आती थी। प्रदेश की संवेदनशील सरकार ने अब पशुओं के लिए प्रदेश मेें 406 एंबुलेंस जिलों को भेज दी हैं। शुक्रवार सुबह लाल परेड मैदान में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पशु एंबुलेंस (पशु चलित चिकित्सा इकाई) को हरी झंडी दिखाई है। यह एंबुलेंस एक लाख पशुधन पर एक उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में वर्तमान में चार करोड़ 6 लाख के करीब पशुधन हैं, जिसके मान से 406 एंबुलेंस प्रदान की गई हैं। यह एंबुलेंस एक ब्लॉक में एक और नगरीय क्षेत्रों में एक उपलब्ध रहेंगी और केंद्रीयकृत टोल फ्री नंबर 1962 डायल करने पर यह एंबुलेंस गौशालाओं के साथ पशु पालकों के घर पहुंचकर गौमाताओं और मवेशियों का इलाज करेगी।
सीएनजी बनाने गोबर खरीदेगी सरकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशभर एक आए गौशाला संचालक, गौपालक, गौ-सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि जबलपुर में गोबर से सीएनजी बनाने के लिए प्लांट लगाया जा रहा है। इसके बाद प्रदेश के अन्य शहरों में भी प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रदेश में पशुपाल से सरकार गोबर खरीदेगी। मुख्यमंत्री ने गायों के अवैध परिवहन जैसे कि तस्करी कर ले जाने वाले वाहनों को राजसात करेगी, इसके लिए नीति बनाने की घोषणा की है।
गोवंश विहार विकसित करें : अखिलेश्वरानंद
मप्र गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 67 एकड़ भूमि वन विभाग के पास है, जिसमें गोवंश विहार विकसित करें। प्रदेश में करीब पांच गौ वन विहार बनाए जाएं।
सभी गौशाला का बिजली बिल एक हजार रुपये से कम किया जाए या बिल देने अनुदान दिया जाए। सरकारी विभागों द्वारा गौशालाओं के उत्पाद को खरीदने की नीति बनाई जाए।