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विश्व मुस्कान दिवस: जानिए कैसे हुई विश्व मुस्कान दिवस की शुरुआत

अन्नू कुमारी। मुस्कुराता हुआ चेहरा भला किसे अपनी ओर आकर्षित नहीं करता। अगर आप किसी से मुस्कुराते हुए मिलते है ना सिर्फ सामने वाला व्यक्ति आपसे प्रभावित होता है बल्कि आपसे दूसरे व्यक्ति तक सकारात्मक शक्ति का प्रवाह भी होता है. इतना ही नहीं मुस्कान की तरंगे वायुमंडल को भी खुशनुमा बना देती है।
मुस्कुराने से शरीर एंडोर्फिन और सेरोटोनिन हार्मोन रीलीज करती है जो शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखने और सर से पांव तक शरीर की हीलिंग में योगदान देते हैं। केनसास विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार मुस्कान ना सिर्फ मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होते हैं बल्कि सांस लेने की गति को भी संतुलित बनाए रखती है।

2010 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक मुस्कान ना सिर्फ आपके मूड को ठीक कर देता है बल्कि आपके हृदय के स्वास्थ्य को भी चुस्त और दुरुस्त रखता है. इतना ही नहीं मुस्कुराने से आपके व्यक्तित्व की सुंदरता में चार चांद लग जाती है. साथ ही मुस्कुराने से मुश्किलों से लड़ने में ताकत मिलती है और इसके कोई पैसे भी नहीं लगते.दरअसल 1963 में वोर्सेस्टर के एक कमर्शियल आर्टिस्ट Harvey Ball ने आइकॉनिक स्माइली फेस बनाया था. 1999 में पहली बार “विश्व मुस्कान दिवस” यानी “World smile day”मनाया जाने लगा और इसका उद्देश्य समाज में खुशी और उमंग उत्साह का संचार करना है. तो आईए इस मुस्कान दिवस पर हम थोड़ा मुस्कुराएं और अपने और दूसरों की जिंदगी को और बेहतर बनाएं.

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