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क्या हैं, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस ?

  • 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगो में इसके लक्षण देखने को ज्यादा मिलते हैं
    सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक गंभीर समस्या है उम्र और समय के साथ इसका असर भी बढता चला जाता हैं। 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगो में इसके लक्षण देखने को ज्यादा मिलते हैं। इस समस्या में पेशेंट को गर्दन में दर्द होता हैं। दर्द और जकड़न आमतौर पर एक सामान्यीकृत रूप में गर्दन के क्षेत्र या रीढ के सर्वाइकल क्षेत्र में मौजूद होता हैं। पेशेंट को गर्दन में दर्द के साथ चक्कर आना आम बात हैं। छींकने,खांसने,गर्दन को पीछे झुकाने बैठने और खङे होने में सर्वाइकल दर्द बढ सकता हैं। यह दर्द मुख्य रूप से सुबह के समय या रात में खराब रूप में बढ जाता हैं। ज्यादा वक्त तक कंप्यूटर के सामने बैठ कर गलत तरीके से गर्दन को रख कर कार्य करना भी सर्वाइकल स्पॅान्डिलोसिस को निमंत्रण दे सकता हैं। सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण लगभग 85 प्रतिशत से अधिक लोगो में देखे गये हैं। शुरूआत में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते लेकिन उम्र के साथ इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
    लक्षण
  • चक्कर आना
  • जी घबराना
  • मांसपेशियों में तनाव आना
  • गर्दन की धमनियों में ब्लॅाकेज का होना
  • छींकने, खांसने, पर गर्दन में दर्द होना
  • बांहो और कंधो में झुनझुनाहट के साथ दर्द होना
    हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाकर आप सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस जैसे गंभीर समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं।
  • उपाय
  • विटामिन-डी
  • विटामिन-सी
  • विटामिन-ई
  • भरपूर कैल्शियम
  • अदरक लहसुन का सेवन करना चाहिए।
  • खूब पानी पीना चाहिए।
    लक्षण दिखते ही डॅाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
    परहेज
  • चावल खाने से परहेज करना चाहिए।
  • तला भोजन शरीर में वसा का मात्रा को बढाता हैं।
  • कॅाफी और सफेद आलू के सेवन से भी बचना चाहिए।
  • शराब और धुम्रपान से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
  • रेड मीट और मसालेदार खाने से बचना चाहिए।

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