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पक्षियों को बिजली के तारों पर बैठने से आखिर क्यों नहीं लगता करंट? जानें इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

दुनिया में अनेकों प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं और सुबह होते ही चारों तरफ पक्षियों की मीठी-मीठी चहचहाहट गूंजने लगती है जो सुबह होने का संदेश देकर वातावरण खुशमय बना देती हैं लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि पक्षी अक्सर बिजली के तारों पर बैठते हैं। जिन बिजली के तारों के संपर्क में आते ही किसी भी इंसान की करंट लगने से जान तक चली जाती है, और उन्ही बिजली के तारों में चाहे 440 वोल्ट हों, 11,000 वोल्ट हों, या फिर 33,000 वोल्ट के तारों पर किसी भी तरह से उछले-कूदें या बैठें  लेकिन उन पक्षियों को कुछ भी नहीं होता है इस के पीछे का एक वैज्ञानिक कारण है।

यह तो आप जानते ही होंगे कि बिजली से चलने वाले किसी भी उपकरण में दो तार लगाए जाते हैं। जो प्लग की मदद से इलेक्ट्रिक बोर्ड में लगाया जाता है। तभी किसी भी तरह का बिजली से चलने वाला उपकरण काम करता है और यदि एक ही तार को लगा कर छोड़ दिया जाए तो कोई भी उपकरण काम नहीं करता हैं यही नियम पक्षियों पर भी लागू होता है। जब कोई भी पक्षी किसी बिजली के तार पर बैठता है तो वह किसी एक ही तार पर बैठता है जिस कारण उन्हे करंट नहीं लगता है और उनका शरीर भी आकार में छोटा होता है जिस वजह से वह दूसरे तार को छू भी नहीं पाते और करंट से बच जाते हैं।

बिजली के तारों से चमगादड़ को क्यों लगता है करंट?

किसी भी पक्षी को करंट इसलिए नहीं लगता है क्योंकि वह दूसरे तार को नहीं छूता। यदि वह दूसरे तार को छूले तो उसकी करंट से मौत भी हो सक्ती है। इसी तरह चमगादड़ को भी करंट लग जाता है दरअसल चमगादड़ पक्षियों के समान सीधा तारों पर नही बैठता बल्की वह अपने बड़े-बड़े पंखों से तारों पर उल्टा लटकता है जिससे उस का शरीर दोनों तारों को छू लेते है और उसे करंट लग जात है जिससे उसकी मौत हो जाती है

विद्धुत का नियम- विद्धुत  के नियामानुसार धारा का प्रवाह तब तक आगे की ओर नहीं बढ़ता जब तक कि इलेक्ट्रॉन आगे बढ़ें। यह विद्धुत का बुनियादी सिद्धांत है। लेकिन यदी सर्किट पूरा नहीं है तो इलेक्ट्रॉन आगे नहीं बढ़ पाएगें और करंट नहीं लगेगा। इसी कारण से पक्षियों को करंट नहीं लगता है।  

By Shalini Chourasiya

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