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- 2022-23 में दो लाख करोड़ से ज्यादा की खरीदारी जीईएम पोर्टल से की गई।
- जीईएम के पास 63000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं।
नई दिल्ली । सरकारी खरीद पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस से खरीदारी करने वाले सरकारी मंत्रालय और विभाग अगर भुगतान में देरी करते हैं तो उन्हें ब्याज देना पड़ेगा। यह प्रविधान जुलाई के अंत से लागू हो जाएगा। बता दें कि वर्ष, 2020 में सरकार ने जीईएम पोर्टल पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं को भुगतान में देरी पर सरकारी विभागों और एजेंसियों पर एक प्रतिशत जुर्माना लगाने का फैसला किया था।
नौ अगस्त को वाणिज्य मंत्रालय ने किया था पॉर्टल लॉंच
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने नौ अगस्त, 2016 को इस पोर्टल को लॉंच किया था। ई-जीईएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीके सिंह ने कहा कि विशेषकर राज्य सरकारों से विक्रेताओं को भुगतान मिलने में देरी होती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्रालय और विभागों से 10 से 15 दिन के अंदर भुगतान मिल जाता है, लेकिन राज्य सरकारें जो सामान खरीदती हैं, उसका भुगतान अक्सर देर से किया जाता है।
पोर्टल के जरिए दो लाख करोड़ से ज्यादा की हुई खरीदारी
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उम्मीद जताई है कि जीईएम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद इस वित्त वर्ष तीन लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी। 2022-23 में दो लाख करोड़ से ज्यादा की खरीदारी जीईएम पोर्टल से की गई। जीईएम के पास 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से अधिक विक्रेता और सेवा प्रदाता हैं। वर्तमान में सरकारी विभागों, मंत्रालयों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, राज्य सरकारों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को इस पोर्टल के माध्यम से लेनदेन करने की अनुमति प्रदान करता है।