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- ग्राहक आपने बिमा राशि से जुड़े कोई भी दस सालो तक कोई भी तक़ाज़ा नहीं करता, तो वो राशि वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
भोपाल, आप आसानी से आपने लावारिस पड़ा पैसा जो एल.आई.सी में है उसको ऑनलाइन माध्यम से पता कर सकते है। जब कोई एल.आई.सी. का ग्राहक आपने बिमा राशि से जुड़े कोई भी दस सालो तक कोई भी तक़ाज़ा नहीं करता, तो वो राशि वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित कर दिया जाता है। अगर पचीस सालो तक आपने बिना राशि पर तकाज़ा नहीं करता है तो उस राशि को केंद्र सरकार के पास जमा कर दिया जाता है। भारत देश के सबसे बड़े बिमा संगठन जीवन बीमा निगम यानी एल.आई.सी. आपने पालिसी धारक और उनके आश्रितों को यह सुविधा देती है कि वे ऑनलाइन के माध्यम मृत्यु का दावा, परिपक्वता दावा, प्रीमियम वापसी या किसी अन्य प्रकार की लावारिस राशि को आसानी से ऑनलाइन चेक कर सकते हैं।
एल.आई.सी. में दावा न की गई राशि जानने के लिए कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता हैं?
1) एल.आई.सी. की पॉलिसी नंबर
2) पॉलिसी होल्डर का नाम
3) जन्मतिथि
4) पैन कार्ड
एलआईसी वेबसाइट पर दावा न की गई राशि की जांच कैसे करें?
अगर आप एल.आई.सी. में अपनी पॉलिसी से जुड़ा कोई दावा न की गई राशि जाँच करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको एल.आई.सी. की वेबसाइट पर जाना होगा । फिर आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको अपनी सारी जानकारी भरकर जमा करनी होगी। इसके बाद अगर आपकी कोई लावारिस रकम सामने आती है तो आप उस पर दावा कर सकते हैं। इसके के.वी.आई.सी. के साथ कुछ प्रासंगिक दस्तावेज भी जमा करने होंगे।
किसी पॉलिसी को दावा न किया हुआ कब माना जाता है?
कोई भी पॉलिसीधारक या आश्रित वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (एस.सी.डब्ल्यू.एफ.) में धन हस्तांतरण की तारीख से 25 साल तक दावा कर सकता है। वित्त अधिनियम 2015 की धारा 126 के अनुसार, यदि एस.सी.डब्ल्यू.एफ. में धन का दावा 25 वर्षों के भीतर नहीं किया जाता है। धनराशि केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दी जाती है और उसे लावारिस माना जाता है।
लावारिस पॉलिसी के नियम क्या हैं?
अगर किसी पॉलिसी के लिए बीमा कंपनी के पास 10 साल तक कोई दावा नहीं आता है तो वह पैसा वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरण कर दिया जाता है. इस रकम का इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए किया जाता है। – (आशियान खान)