- चना दाल मीडियम 7600, बोल्ड 7700 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूत
जयपुर । देश की मंडियों में इस साल चने की पैदावार पिछले साल के मुकाबले काफी कम बताई जा रही है। परिणामस्वरूप चना एव चना दाल में मंदी के आसार समाप्त हो गए हैं। इस वर्ष देश में चने का उत्पादन तकरीबन 30 लाख टन कमजोर है। इसके अलावा कैरी फारवर्ड स्टॉक भी नहीं के बराबर है। इसे देखते हुए निकट भविष्य में चने के भाव आसमान छू सकते हैं। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी चना मंगलवार को 6550 रुपए प्रति क्विंटल पर तेज बोला जा रहा था। इसी प्रकार चना दाल मीडियम 7600 रुपए तथा चना दाल बोल्ड 7700 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूत बनी हुई थी। सिंघल दाल मिल के कमल अग्रवाल ने बताया कि एक से डेढ़ माह के दौरान चने में करीब 800 रुपए प्रति क्विंटल की मजबूती दर्ज की गई है। स्टॉकिस्ट सक्रिय होने से कीमतों में और तेजी से इन्कार नहीं किया जा सकता है। देशी चने का उत्पादन मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक सहित सभी उत्पादक राज्यों में कम होने से वहां की मंडियों में आपूर्ति गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम हो रही है।
चना दाल सस्ती होने से खपत ज्यादा
दूसरी ओर सभी दालों में चने की दाल सस्ती होने से इसकी खपत ज्यादा है। इस बीच नोहर, भादरा, सवाईमाधोपुर, तारानगर तथा सरदारशहर लाइन में इस बार चने की क्वालिटी हल्की आ रही है तथा प्रति हैक्टेयर उत्पादकता भी कम बताई जा रही है। इंदौर लाइन का माल कुछ बढ़िया क्वालिटी का आ रहा है। भोपाल सागर, बीनागंज लाइन में आवक कम होने से भाव ऊंचे चल रहे हैं। उधर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे भाव होने से आयात का पड़ता नहीं है। पुराना स्टॉक पहले ही समाप्त हो चुका है। दाल मिलों के पास भी अपेक्षित स्टॉक नहीं है। इन परिस्थितियों में चना एवं चना दाल में जुलाई-अगस्त तक नए भाव बन सकते हैं।