सरकार द्वारा तय किए गए मासिक चीनी कोटा से अधिक और कम चीनी बिक्री करने वाली चीनी मिलों पर सरकार ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। तय सीमा से अधिक चीनी बिक्री करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। सरकार की इस सख्ती ने चीनी मिलों और बाजार में चीनी आपूर्ति करने वाले व्यापारियों के बीच भय का माहौल बन चुका है। कारोबारियों का कहना है कि खाद्य मंत्रालय को अपने कदम के बारे में स्पष्ट करना चाहिए ताकि बाजार में फैले अफवाह और भय से कारोबारी बाहर निकल सके।
कारोबारियों के बीच डर का माहौल
सरकारी नियमों का उल्लंघन कर मनमाने तरीके से चीनी बिक्री करने वाली 20 चीनी मिलों और कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। इन मिलों के चीनी स्टॉक को जब्त करने, जुर्माना लगाने और मासिक कोटा आवंटन घटाने की कार्रवाई की आशंका पूरे बाजार में जोरों से फैल चुकी है। चीनी मिल एसोसिएशन से जुड़े एक पदाधिकारी के मुताबिक फिलहाल उनके पास ऐसी कोई अधिकारिक जानकारी नहीं है लेकिन यह सच है कि इस तरह की खबरों से कारोबारियों के बीच डर का माहौल जरूर बन गया है।
केंद्र सरकार ने देश की सभी चीनी मिलों को बीते दिनों एक निर्देश जारी किया। जिसमें मासिक स्टॉक होल्डिंग सीमा के अनुपालन और नेशनल सिंगल विंडो सर्विस (एनएसडब्ल्यू) पोर्टल पर सही आंकड़े देने को कहा था। चीनी मिलों द्वारा चीनी की बिक्री से संबंधित जीएसटी डेटा का विश्लेषण करते समय, यह भी देखा गया है कि जीएसटी डेटा में दी गई घरेलू बिक्री पी-2 में चीनी मिलों द्वारा उल्लिखित आंकड़ों से मेल नहीं खाती है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पत्र में कहा गया कि यह देखा गया है कि कुछ चीनी मिलें मासिक स्टॉक होल्डिंग सीमा का पालन नहीं कर रही हैं और वे या तो अधिक या काफी कम मात्रा में बेच रही हैं।