आयकर विभाग करदाताओं के रिटर्न और विभाग की सूचना के बीच मिलान नहीं होने की स्थिति में स्क्रीन आधारित स्वचालित समाधान प्रणाली शुरू करने की तैयारी में है। कुछ मामलों में आयकर विवरणिका नहीं भरने वाले लोग भी इस स्वचालित समाधान सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। पहले चरण में वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 की मिलान नहीं होने वाली सूचनाओं पर विचार किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए कोई नोटिस नहीं जारी किया जाएगा और आईटी विभाग की सूचनाओं से मिलान नहीं होने की स्थिति में एसएमएस और ईमेल के जरिए करदाताओं को अलर्ट भेजा जाएगा। इस क्रम में आयकरदाता अपने ई फाइलिंग अकाउंट से लॉग-इन करके बेमेल सूचनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेगा और इसके समाधान के लिए पोर्टल पर अपना जवाब दे सकेगा। जानकारी के अनुसार यह मशीन से की जाने वाली प्रक्रिया है और शुरुआती दौर में 7,00,000 मामलों पर विचार किया जाएगा। इस दायरे को आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ाया जाएगा और इसमें तकनीक का अधिक इस्तेमाल होगा. इस क्रम में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) और नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) का इस्तेमाल होगा। जवाब नहीं दिए जाने वाले और बेमेल सूचनाओं का समाधान नहीं होने पर चुनिंदा मामलों में नोटिस भेजा जाएगा।
विभाग 38 करोड़ पैन धारकों की सूचनाओं पर कार्य कर रहा है। एआईएस में बाद में ई प्रमाणन भी किया जाता है। दिसंबर 2021 में ई प्रमाणन योजना की सूचना जारी की गई थी। ई प्रमाणन योजना 2021 का उद्देश्य सूचनाओं का मिलान नहीं होने की स्थिति में त्वरित समाधान मुहैया कराना है। बेमेल सूचनाओं को चिह्नित डेटा एनालिटिक्स और रूल इंजन के माध्यम से किया जाता है। इस वित्त वर्ष के दौरान एआईएस ने 6.35 लाख करदाताओं के आंकड़ों पर गौर किया है।आयकर अधिनियम के नए उपबंध (सेक्शन 139 (8ए ) के अंतर्गत यदि चिह्नित बेमेल सूचना के बारे में विस्तार से नहीं बताया जाता है तो आयकरदाता दो वर्षों के लिए संशोधित आईटीआर दाखिल कर सकता है और ऐसे में पहले वर्ष में 25 फीसदी व दूसरे वर्ष के लिए 50 प्रतिशत अतिरिक्त कर अदा करना होगा।
सितंबर, 2022 में चुनिंदा मामलों के आधार पर परियोजना शुरू की गई थी। इस क्रम में सूचना के मिलान नहीं होने की स्थिति में 68,000 नोटिस जारी किए गए थे। सूत्र ने बताया कि इस परियोजना का परिणाम यह निकला कि 4,300 आयकर विवरणिका संशोधित की गईं। अत्यधिक बेमेल सूचना वाले 30,000 आईटीआर चिह्नित किए गए और इनकी विस्तार से जांच की गई। दूसरे चक्र में मई 2023 से नोटिस जारी होने शुरू हुए। ई-प्रमाणन के लिए करीब 2,70,000 मामलों को चिह्नित किया गया है। इसके पहले बैच में करीब 90,000 मामलों में 12,000 आईटीआर संशोधित किए गए। ई-प्रमाणन का तीसरा चक्र मार्च 2024 से शुरू किया जाएगा और इसमें करीब 3,00,000 मामलों पर विचार किया जाएगा।