- इसी साल 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया था।
- कांग्रेस बोली- नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रहे मोदी
- राहुल बोले उनकी पहचान उनके कर्म हैं, नाम नहीं
नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर राहुल बोले:उनकी पहचान उनके कर्म हैं, नाम नहीं; भाजपा ने कहा- हम सभी पूर्व PM को सम्मान दे रहे
केंद्र सरकार ने 14 अगस्त को दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर प्रधानमंत्री मेमोरियल कर दिया। तीन दिन बाद गुरुवार को इस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- नेहरू जी पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।
राहुल के इस बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों को सम्मान दे रहे हैं, चाहें वे किसी भी पार्टी के हों। कांग्रेस पार्टी इसे बेकार में मुद्दा बना रही है। मुझे नहीं पता कि इसमें समस्या क्यों है।
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले नई दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (PMML) कर दिया गया था। इसी साल 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया था।
कांग्रेस बोली- नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रहे मोदी
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम करने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई थी। पार्टी नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- इतिहास बनाया और रचा जाता है। प्रधानमंत्री ऐसा करने में सक्षम नहीं है, इसलिए वे नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रहे है।
पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया
इससे पहले 2016 में पीएम मोदी ने परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार किया था। कांग्रेस के विरोध के बावजूद, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया। 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। तब भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।