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- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न की लड़ाई जल्द ही चुनाव आयोग तक पहुंचने वाली है।
मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न की लड़ाई जल्द ही चुनाव आयोग तक पहुंचने वाली है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाला राकांपा गुट बुधवार की महत्वपूर्ण बैठक के बाद चुनाव आयोग (ईसी) से संपर्क करने के विकल्प पर विचार कर रहा है। उधर, शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने चुनाव आयोग के समक्ष एक कैविएट दायर की है। अजित पवार गुट की ओर से पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा करने की तैयारी है। वहीं, शरद पवार गुट ने एक कैविएट दाखिल कर चुनाव आयोग से कहा है कि पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर कोई भी फैसला लेने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए।
2 जुलाई को दो गुटों में बंटी चुनाव आयोग
अजित पवार और आठ विधायकों के पार्टी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत करने और 2 जुलाई को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी में विभाजन हो गया। फिर एनसीपी में खींचतान शुरू हो गई। दोनों गुटों ने संगठन पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बर्खास्तगी की होड़ शुरू कर दी और एक-दूसरे के खेमे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की। दोनों गुट यह साबित करने के लिए आज महत्वपूर्ण बैठक करेंगे कि उन्हें पार्टी के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है। महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं। फिलहाल 24 विधायक अजित पवार के साथ हैं और 14 विधायक शरद पवार का समर्थन कर रहे हैं। शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने सभी विधायकों को व्हिप जारी कर उन्हें मुंबई में एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा है, जबकि अजीत पवार गुट ने सभी वर्तमान और पूर्व विधायकों, सांसदों, पदाधिकारियों, कार्य समिति के सदस्यों और को नोटिस जारी किया है।