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- जम्मू और पठानकोट जाने की जरूरत नहीं होगी। अब सेना को लेह के रास्ते से आना पड़ता है।
- चंबा जिले के दूरदराज के इलाकों पांगी-किल्लार, किश्तवाड़ सहित लाहौल घाटी के लोगों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी।
नई दिल्ली. भारतीय सेना अब हिमाचल प्रदेश के दो सुदूरवर्ती जिलों से सटी चीन की सीमा तक आसानी से पहुंच सकेगी। टांडी-किल्लार-संसारिनाला मार्ग से लाहौल और किन्नौर की सीमा तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सड़क को केंद्र ने राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) का दर्जा दिया है। टांडी-किल्लार-संसारिनाला सिंगल लेन सड़क को जल्द ही टू लेन बनाया जाएगा। केंद्र ने इसकी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को भी मंजूरी दे दी है। इसके बाद भारतीय सेना श्रीनगर से किश्तवाड़ और उधमपुर होते हुए सीधे लाहौल और फिर किन्नौर पहुंच सकेगी। जम्मू और पठानकोट जाने की जरूरत नहीं होगी। अब सेना को लेह के रास्ते से आना पड़ता है। इस दो लेन की सड़क के बन जाने से चंबा जिले के दूरदराज के इलाकों पांगी-किल्लार, किश्तवाड़ सहित लाहौल घाटी के लोगों की आवाजाही भी आसान हो जाएगी। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इन क्षेत्रों में पर्यटन व्यवसाय को भी पंख लगेंगे। यह सड़क सर्दियों में भी वाहनों की आवाजाही के लिए खुली रहती है, लेकिन एक लेन वाली सड़क होने के कारण भूस्खलन के कारण यह अक्सर अवरुद्ध रहती है। एनएच का दर्जा मिलने के बाद अब सीमा सड़क संगठन की दीपक परियोजना इसे डबल लेन बनाएगी। बताया जा रहा है कि टांडी से थिरोट के बीच 30 किलोमीटर, उदयपुर से टिंडी के बीच 40 से 70 किलोमीटर और शोर से किलाड़ के बीच 96 से 125 किलोमीटर डबल लेन होगी। अब सीमा सड़क संगठन ने भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।