प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और सफलता सिर्फ इस क्षेत्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। हम साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित रचनात्मक एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक व्यापार, नवाचार और विकास का इंजन है। हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन के एक सत्र में एक संबोधन में मोदी ने प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण की भी जोरदार वकालत करते हुए कहा कि यह विकास और लोकतंत्र के बीच एक सेतु बन सकता है।
मोदी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के समग्र उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है और उपभोक्तावाद से प्रेरित विकास मॉडल को बदलना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समावेशी खाद्य प्रणाली बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए जो दुनिया के सबसे कमजोर लोगों पर केंद्रित हो, विशेष रूप से “सीमांत किसान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए”।
उन्होंने कहा, “वैश्विक उर्वरक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना होगा। इसमें राजनीतिक बाधाओं को दूर करना होगा। और उर्वरक संसाधनों पर कब्जा करने वाली विस्तारवादी मानसिकता को रोकना होगा। यह हमारे सहयोग का उद्देश्य होना चाहिए।”
मोदी 1974 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद से हिरोशिमा का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
मोदी के 10 सूत्र
- ‘टोक्यो. हिरोशिमा में शनिवार को शुरु हुए जी 7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 10-सूत्रीय कार्य योजना ‘कई संकटों को दूर करने के लिए एक साथ काम’ पर केंद्रित है।
- समावेशी खाद्य प्रणाली विकसित करें जो सीमांत किसानों सहित सबसे कमजोर लोगों की रक्षा करें
- मोटा अनाज अपनाएं: पोषण और पर्यावरणीय लाभों का मार्ग
- खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भोजन की बर्बादी रोकें
- वैश्विक उर्वरक आपूर्ति श्रृंखलाओं का अराजनीतिकरण
- उर्वरकों के लिए वैकल्पिक मॉडल विकसित करें
- लचीला स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली विकसित करें
- समग्र स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देना; चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों को अपनाएं
- वैश्विक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य को बढ़ावा देना
- स्वास्थ्य पेशेवरों की गतिशीलता सुनिश्चित करें
- विकासशील देशों की जरूरतों से प्रेरित विकास मॉडल तैयार करें; उपभोक्तावाद से प्रेरित नहीं