अभाविप के 75 वर्ष पूर्ण : राजधानी के रवींद्र भवन में आयोजित हुआ अमृत महोत्सव समारोह
भोपाल। पहले भारत से जुड़ी चीजों को विश्व में हिकारत की दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन अब सकारात्मक वातावरण में विश्वभर ने योग को अपनाया और भारत की चीजों को सारे विश्व में मान्यता मिल रही है। अभाविप का राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने में महत्वपूर्ण योगदान है। आज आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के कारण ऐसी सामग्री भी सामने आ रही है, जो समाज को दावानल में झोंक सकती है। इसके खतरों के प्रति युवाओं को सतर्क करने की आवश्यकता है। यह बात पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कही।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) भोपाल महानगर द्वारा अभाविप के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर रविवार को अमृत महोत्सव समारोह का आयोजन किया गया। राजधानी के रवींद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अभाविप की अखिल भारतीय छात्रा कार्य प्रमुख डॉ. मनु कटारिया, सह-प्राध्यापक दिल्ली विवि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा, मध्यभारत प्रांत के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राजपूत, मंत्री आयुष पाराशर, समारोह समिति अध्यक्ष अनुपम चौकसे, प्रो-चांसलर, एलएनसीटी विश्वविद्यालय और प्रमोद सक्सेना, वरिष्ठ अधिवक्ता, अभाविप भोपाल महानगर अध्यक्ष शशिकांत पांण्डेय, महानगर मंत्री प्रभाकर मिश्रा सहित अन्य अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भारती सातनकर और शशिरंजन अकेला ने किया। आभार स्वागत समिति के मंत्री प्रमोद सक्सेना ने व्यक्त किया।
हमारा देश हमेशा ही अक्षुण, अमर, शक्तिशाली रहा
ओपी रावत ने कहा कि हमारा देश हमेशा ही अक्षुण, अमर, शक्तिशाली बना रहा है। आज युवा मादक प्रदार्थों की गिरफ्त में फं स रहे है। परिवार में एकांकीपन और घर के बड़ों का ध्यान नही मिलता है। उन्होंने कहा कि मार्जिन ज्यादा महत्वपूर्ण होते है, जो छात्र हाशिये पर है उन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। आज के अनुकूल वातावरण में पूरी सकारात्मकता, साहस और सशक्त होकर पहल करना चाहिए।
हम संगठित तरीक़े से देश के प्रति समर्पित रहें : डॉ. मनु कटारिया
डॉ. मनु कटारिया ने कहा अभाविप अकेला ऐसा संगठन है, जिसमें पूर्व कार्यकर्ता भी होते हैं, जो परिषद से सीख लेकर अन्य क्षेत्रों में कार्य करते हैं। समाज की दिशा और दशा को सकारात्मक रूप में बदलने का कार्य करते हैं। अभाविप समाज में फैली कुरीति और परेशानियों को लेकर एक अभियान रूपी कार्य करता है। महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, अभी इसके लिए अधिक जागरूकता की आवश्यकता है।
इसके लिए अभाविप ऋ तुमति अभियान लाया है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में समाज और संस्कृति की नींव को कमजोर करने के लिए कई लोग पश्चिमी नैरेटिव चला रहे हैं। उससे सामना करके ख़त्म करना हमारी जिम्मेदारी है। सारी शक्तियां देश को तोडऩे में लगी हुई हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम संगठित तरीक़े से समर्पित रहें, ताकि भारत विश्व गुरु बने।
आज की पीढ़ी को पुरानी पीढी के संघर्ष का लाभ मिल रहा : भरत चतुर्वेदी
अभाविप के वरिष्ठ कार्यकर्ता भरत चतुर्वेदी ने 60-70 के दशक में विद्यार्थी परिषद् के आन्दोलन का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि उस दौर में कार्यकतार्ओं को धारा 144 तोडऩे की सबसे ज्यादा लंबी सजा मिली थी। आज की पीढ़ी को पुरानी पीढी के संघर्ष का लाभ मिल रहा है।
अभाविप ने छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति बनाया : धर्मेन्द्र राजपूत
इस अवसर पर प्रान्त अध्यक्ष धर्मेन्द्र राजपूत ने प्रस्ताविक रखा। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर जयंती के दिन आज यह अमृत महोत्सव समारोह मनाया जा रहा है। अभाविप ने छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति बनाया। संगठन के कार्यकर्ताकेरल और बंगाल मे माओवादी के खिलाफ लड़े।
प्रांत मंत्री आयुष पाराशर ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद करोड़ों छात्रों को संस्कार, राष्ट्र, स्वर्णिम इतिहास से जोडऩे का एक माध्यम है। अभाविप छात्र के लिए विकल्प नहीं बल्कि छात्रों का विश्वास है। अभाविप समय-समय पर छात्रों की आवाज को बुलंद करता आया है, चाहे फि र वो छात्रों के हित की बात हो, चाहे शिक्षा का व्यापारीकरण हो। कोरोना महामारी के दौरान अभाविप ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, गांव-गांव, गली-गली जाकर जागरूक किया एवं जरूरतमंद को हर मदद पहुंचाई।
पूर्व प्रान्त अध्यक्ष, मंत्री, संगठन मंत्री एवं कार्यकर्ताओं का हुआ सम्मान
कार्यक्रम के प्रारंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसके बाद कार्यक्रम में पूर्व प्रान्त अध्यक्ष, मंत्री, संगठन मंत्री एवं पूर्व कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और पूर्व कार्यकर्ता शामिल हुए। इस अवसर पर अभाविप की 75 वर्ष की यात्रा पर प्रदर्शनी एवं राष्ट्रवादी साहित्य के स्टॉल भी लगाए गए थे।
Yoga has been adopted by the world, things of India are getting recognized all over the world: OP Rawat