भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी सीमा तनाव के बीच एक नई प्रगति सामने आई है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने घोषणा की है कि दोनों देश पेट्रोलिंग के एक नए सिस्टम पर सहमत हो गए हैं, जिससे सीमा पर तनाव को कम किया जा सकेगा और भविष्य में गलवान जैसी घटनाओं से बचा जा सकेगा।
जयशंकर ने अपने बयान में कहा कि यह नया पेट्रोलिंग सिस्टम दोनों देशों की सेनाओं को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से पीछे हटने की सुविधा देगा, जिससे सीमा पर स्थिरता और शांति बनी रहेगी। लद्दाख में लंबे समय से चली आ रही टकराव की स्थिति को हल करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके तहत, दोनों देशों के सैनिकों के बीच पेट्रोलिंग को नई व्यवस्था के तहत नियंत्रित किया जाएगा, जिससे अनावश्यक टकराव से बचा जा सके।
इस नए समझौते का उद्देश्य सीमा पर संतुलन और नियंत्रण बनाए रखना है। पिछले वर्षों में, विशेषकर 2020 में गलवान घाटी में हुए टकराव के बाद से भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया था। इस टकराव में भारतीय सैनिकों ने शहादत दी थी और दोनों देशों के संबंधों पर इसका गहरा असर पड़ा था।
अब, इस नई व्यवस्था के जरिए दोनों देश सीमा पर किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने का प्रयास करेंगे। जयशंकर ने कहा कि यह समझौता एक सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम है, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और संवाद की प्रक्रिया को भी मजबूती मिलेगी।
लद्दाख क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए यह कदम दोनों देशों के बीच सुरक्षा और विश्वास को बढ़ावा देगा, जिससे भविष्य में सीमाई क्षेत्रों में संघर्ष की संभावनाएं कम हो जाएंगी।