Home » वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भावुक हुए प्रधानमंत्री, कहा- अब 23 अगस्त होगा ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’

वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भावुक हुए प्रधानमंत्री, कहा- अब 23 अगस्त होगा ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’

  • ‘कई बार ऐसा होता है जब बेसब्री हो जाती है, मेरे साथ भी इस बार ऐसा ही हुआ।
  • मैं दक्षिण अफ्रीका में था और फिर ग्रीस जाना हुआ लेकिन मेरा मन आपके साथ था।
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं अलग तरह की खुशी महसूस कर रहा हूं, ऐसे पल दुर्लभ होते हैं।’
    श्रीहरीकोट ।
    बंगलुरू में इसरो के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री चंद्रयान-3 की सफलता से भावुक हो गए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए थोड़ी देर के लिए चुप हो गए और अपनी भावनाओं को संभालते हुए उन्होंने आगे अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा कि आपकी मेहनत, आपके धैर्य को सैल्यूट। पीएम मोदी ने कहा कि यह आज का भारत है, जुझारू भारत। बंगलुरू में इसरो के टेलेमेट्री ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्पलेक्स में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘कई बार ऐसा होता है जब बेसब्री हो जाती है, मेरे साथ भी इस बार ऐसा ही हुआ। मैं दक्षिण अफ्रीका में था और फिर ग्रीस जाना हुआ लेकिन मेरा मन आपके साथ था। मैं जल्द से जल्द आप लोगों से मिलना चाहता था और आपको सैल्यूट करना चाहता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं अलग तरह की खुशी महसूस कर रहा हूं। ऐसे पल दुर्लभ होते हैं।’
    ‘चंद्रयान सिर्फ भारत की नहीं बल्कि पूरी मानवता की सफलता’
    प्रधानमंत्री के अनुसार, ‘एक समय था, जब हमारी गिनती Third Row में होती थी। आज ट्रेड से लेकर तकनीक तक, भारत की गिनती पहली पंक्ति में खड़े देशों में हो रही है। तीसरी पंक्ति से पहली पंक्ति की इस यात्रा में हमारे ‘इसरो’ जैसे संस्थानों की बड़ी भूमिका है। आज पूरी दुनिया भारत की वैज्ञानिक ताकत को पहचानती है। चंद्रयान महाभियान सिर्फ भारत की सफलता नहीं है बल्कि यह पूरी मानवता की सफलता है।’
    जहां उतरा चंद्रयान-3, अब वो ‘शिव-शक्ति’ पॉइंट
    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त के दिन का एक-एक सेकेंड बार-बार घूम रहा है। जब लैंडर विक्रम ने लैंड किया तो यहां इसरो सेंटर में, पूरे देश में लोग उछल पड़े, वह दृश्य कौन भूल सकता है। कुछ स्मृतियां अमर हो जाती हैं, वह पल अमर हो गया।’ उन्होंने कहा कि चांद पर जिस जगह चंद्रयान-3 मिशन लैंड हुआ, उस पॉइंट को अब ‘शिव-शक्ति’ के नाम से जाना जाएगा। 23 अगस्त को चंद्रमा पर भारतीय तिरंगा लहराया, इसलिए आज से इस दिन को भारत में ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि जब हर घर तिरंगा है, हर दिल में तिरंगा है और अब तो चांद पर भी तिरंगा है। चंद्रयान-2 मिशन के स्पॉट को अब से ‘तिरंगा पॉइंट’ के नाम से जाना जाएगा। ये तिरंगा पॉइंट, भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा पॉइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी विदेश दौरे से सीधे बंगलुरू पहुंचे और वहां इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इसरो सेंटर पहुंचने पर इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ और अन्य वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
    प्रधानमंत्री ने महिला वैज्ञानिकों को सराहा
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इसरो की महिला वैज्ञानिकों की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा, ‘पूरी सृष्टि का आधार नारी शक्ति ही है. आप सबने देखा है चंद्रयान-3 में हमारी महिला वैज्ञानिकों ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई है. चंद्रमा का शिवशक्ति पॉइंट सदियों तक भारत के इस वैज्ञानिक और दार्शनिक चिंतन का साक्षी बनेगा. यह शिवशक्ति पॉइंट आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा कि हमें विज्ञान का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए ही करना है. मानवता का कल्याण ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे मून लैंडर विक्रम ने ‘अंगद’ की तरह चंद्रमा पर मजबूती से अपना पैर जमाया हुआ है. हमारा रोवर प्रज्ञान लगातार चंद्रमा पर अपने पदचिन्ह छोड़ रहा है. इस उपलब्धि को हासिल करने में हमारी महिला वैज्ञानिकों का बड़ा योगदान रहा है.’

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