Home » दिवाली से पहले दिल्ली के गैस चैंबर में बदलने की आशंका, सामान्य से अधिक गर्म रह सकता है नवंबर

दिवाली से पहले दिल्ली के गैस चैंबर में बदलने की आशंका, सामान्य से अधिक गर्म रह सकता है नवंबर

  • अगले पांच छह दिनों में वायु गुणवत्ता के स्तर लगातार गिरावट का अनुमान दिया है।
  • देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान रहेगा सामान्य से ऊपर ।
    नई दिल्ली।
    राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध भले लगा दिया गया हो, लेकिन दीवाली पर दिल्ली का दम फिर भी घुटेगा। दीवाली से पहले ही गैस चैंबर वाले हालात बन जाएं तो भी हैरानी नहीं। आशंका जताई जा रही है कि धनतेरस के आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के पार यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच सकता है। इस स्थिति में ग्रेप का तीसरा चरण भी लागू कर दिया जाएगा। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अर्ली वार्निंग सिस्टम ने भी अगले पांच छह दिनों में वायु गुणवत्ता के स्तर लगातार गिरावट का अनुमान दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक राजधानी के एक्यूआइ में हर रोज वृद्धि हो रही है। फिलहाल यह 300 से 400 के बीच में चल रहा है, जबकि कई इलाकों का एक्यूआइ ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच भी चुका है।
    पराली जलाने की बढ़ रही हैं घटनाएं
    जिस तरह पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, हवा की गति मंद है, पश्चिमी विक्षोभों के अभाव में वर्षा होने की संभावना भी नहीं है और वाहनों का धुआं व धूल वातावरण में तेजी से प्रदूषण फैला रही है, अगले सप्ताह भर में ही एक्यूआइ 400 का आंकड़ा पार कर ‘गंभीर’ हो जाएगा। मौसम विज्ञानी इसके लिए इस साल अल नीनो वर्ष होने को भी एक महत्वपूर्ण कारक बता रहे हैं। अल नीनो वर्ष में सर्दी बढ़ने पर हवा की गति काफी कम रहती है। सफर (सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के संस्थापक निदेशक डा. गुफरान बेग बताते हैं, दीवाली नवंबर के मध्य में पड़ रही है। इस दौरान ठंड होगी और पराली जलाने का सीजन भी चरम पर होगा। दूसरे, पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद इन पर कभी पूर्णतया रोक नहीं लग पाती।
    सामान्य से अधिक गर्म रह सकता है नवंबर
    अलनीनो प्रभाव के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में नवंबर का तापपान सामान्य से अधिक रह सकता है। भारत मौसम विभाग (आइएमडी) ने मंगलवार को देश के विभिन्न क्षेत्रों में नवंबर के लिए मौसम की भविष्यवाणी की है। आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि 1901 के बाद ऐसा छठी बार हुआ है, जब अक्टूबर में दक्षिण भारत के कई क्षेत्रों में सबसे कम बारिश हुई है। हालांकि, इसमें उत्तर-पश्चिम एवं पश्चिम-मध्य के अधिकतर क्षेत्र शामिल नहीं है। आइएमडी ने 1980 से 2022 तक के आंकड़ों का विश्लेषण के बाद यह आकलन किया है। मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि नवंबर में पूरे देश में लंबी अवधि के औसत का लगभग 77 से 123 प्रतिशत के बीच बारिश हो सकती है।
    कई हिस्सों में सामान्य से अधिक हो सकती है बारिश
    दक्षिण के कुछ इलाकों, उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्सों और पूर्व-मध्य, पूर्व एवं उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। प्रशांत व हिंद महासागरों पर समुद्र की सतह के तापमान की स्थितियों में बदलाव से भी भारतीय प्रायद्वीप का जलवायु प्रभावित होता है। इसलिए इन महासागर बेसिनों पर समुद्र की सतह की स्थितियों के विकास की सतत निगरानी की जाती है। आईएमडी के अनुसार, पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में पश्चिमी हिंद महासागर के गर्म एवं ठंडा होने को हिंद महासागर डिपोल कहा जाता है। इसे भारतीय नीनो भी कहते हैं, जो मानसूनी बारिश को सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावित करता है।

Related News

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd