न्यूयॉर्क। स्पेसएक्स ने अपना अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट स्टारशिप लॉन्च किया। हालांकि, मस्क की महत्वाकांक्षी परियोजना को उस समय तगड़ा झटका लगा जब लॉन्च के महज 8 मिनट के बाद यान में विस्फोट हो गया। अंतरिक्ष में प्रवेश के बाद फटे स्टारशिप का भारी बूस्टर भी बिखर गया। इस यान से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संभावित इसकी मदद से मंगल और चंद्रमा पर इंसानों के रहने की संभावना तलाशी जाएगी।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले असफल प्रक्षेपण से सबक लेकर लॉन्च किया गया यान अंतरिक्ष में प्रवेश के महज 8 मिनट बाद ही फट पड़ा। इस यान को लेकर आई खबरों के मुताबिक स्टारशिप की पृथक्करण प्रक्रिया में संशोधन और विस्फोटों को रोकने के मकसद से कई सुधार किए गए थे।
अंतरिक्ष यान में दो तत्व शामिल
स्टारशिप रॉकेट के बारे में आई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लॉन्चिंग के बाद यान अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया जाता, इससे पहले कि उसे तेज झटका लगा। उड़ान के लगभग 8 मिनट बाद अंतरिक्ष यान को तेजी से अनियोजित विघटन का अनुभव हुआ। बूस्टर को मैक्सिको की खाड़ी में उतरना था, लेकिन अंतरिक्ष यान से अलग होने के कुछ सेकंड बाद ही इसमें विस्फोट हो गया। लगभग 400 फीट ऊंचे (122 मीटर) अंतरिक्ष यान में दो तत्व शामिल हैं, दोनों को पूरी तरह से और तेजी से पुन: प्रयोज्य हों, इस तरह डिज़ाइन किए गए हैं। प्रथम चरण के बूस्टर को सुपर हेवी कहा जाता है। एक 165 फुट (50 मीटर) लंबा हिस्सा भी है, जिसे स्टारशिप के ऊपरी चरण के रूप में जाना जाता है।
अंतरिक्ष की कक्षा में नहीं पहुंच सका
प्रक्षेपण करीब सात महीने पहले अप्रैल में हुए हादसे के बाद किया गया। इस अंतरिक्ष यान को उड़ाने का पहला प्रयास मैक्सिको की खाड़ी के ऊपर ही हुआ था। पिछले प्रयास में भी विस्फोट हुआ था। अप्रैल में लॉन्च के दौरान दोनों घटक अलग होने में विफल रहे थे और स्टारशिप अंतरिक्ष की कक्षा में नहीं पहुंच सका था। खबरों के मुताबिक स्टारशिप अब तक बनाया गया सबसे बड़ा रॉकेट है। कंपनी को उम्मीद है कि यह एक दिन मंगल और चंद्रमा के उपनिवेशीकरण में मदद करेगा। सुपर हेवी बूस्टर 74.3 मेगान्यूटन का थ्रस्ट पैदा करता है, जो दुनिया के दूसरे सबसे शक्तिशाली रॉकेट, नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम से लगभग दोगुना है।