Home » मोदी सरकार देश में ‘एक राष्ट्र और एक चुनाव’ की कर रही पहल, जाने इसके लागू होने से क्या होंगे फायदे और नुकसान

मोदी सरकार देश में ‘एक राष्ट्र और एक चुनाव’ की कर रही पहल, जाने इसके लागू होने से क्या होंगे फायदे और नुकसान

देश में मौजूदा केंद्र सरकार एक देश और एक चुनाव को लगातार वकालत कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी भी कई बार इस विषय पर बात कर चुके है। लेकिन विपक्ष लगातार इसका कड़ा विरोध करता नजर आ रहा है तो आइये आज आपको बताते है कि अगर मोदी सरकार देश में वन नेशन और वन इलेक्शन लागू करने में सफल होती है तो इसके क्या सकारत्मक और नकारत्मक प्रभाव होगा।

मोदी सरकार ने आज पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। जो इस विषय पर विस्तार में एक रिपोर्ट तैयार करेगी। वहीँ बीतें दिन इस बात की भी सूचना दी गई कि 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया जा रहा है, जिसमें 5 बैठकें होंगी। इसके साथ ही लोकसभा और राज्यों की विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने के मुद्दे पर लंबे समय से बहस चल रही है।

जानें ‘एक राष्ट्र और एक चुनाव’ के फायदे

इसका समर्थन करने वाले लोगों का ऐसा कहना है कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ लागू होने से देश में जब भी जहां भी चुनाव होते हैं, तब एक आदर्श आचार संहिता लागू की जाती है जिससे विकास कार्यों में रुकावट होती है। इसके साथ ही बार-बार चुनावों में होने वाले भारी खर्च में कमी आएगी। बार-बार चुनाव होते रहने से सरकारी खजाने पर आर्थिक बोझ पड़ता है।

जानें ‘एक राष्ट्र और एक चुनाव’ नुकसान

वहीँ इसका विरोध करने वाले लोगों का ऐसा मानना है कि अगर लोकसभा और राज्यों की विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाए गए तो राष्ट्रीय मुद्दों के सामने क्षेत्रीय मुद्दे प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा एक साथ चुनाव से क्षेत्रीय दलों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके साथ ही अलग-अलग समय पर चुनाव होने के कारण जनप्रतिनिधियों को लगातार जवाबदेह बने रहना पड़ता है। बार-बार चुनाव होने के कारण कोई भी पार्टी या नेता एक चुनाव जीतने के बाद निरंकुश होकर काम नहीं कर पाती।

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd