दिल्ली, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात राजस्थान से बढ़ेगा सीधा संपर्क
भोपाल। प्रदेश में बन रहे छह विकास पथों से 4590 किलोमीटर सड़कों के संपर्क में आने वाले जिलों में विकास का दृश्य पूरी तरह बदल जाएगा। मध्यप्रदेश का अन्य राज्यों से सड़क संपर्क बढऩे के साथ ही आर्थिक विकास और व्यापार में भी तेजी से बढ़ेगा। चंबल नदी के समान्तर 395 किलोमीटर का अटल प्रगति पथ को केन्द्र सरकार ने भारतमाला परियोजना में सम्मिलित कर लिया गया है। इसका 310 किलोमीटर हिस्सा मध्यप्रदेश से और 85 किलोमीटर राजस्थान से गुजरेगा। लगभग 8000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाने वाला यह पथ ग्वालियर-चंबल अंचल के विकास में नये आयाम जोड़ेगा और नई आर्थिक गतिविधियों का रास्ता खोलेगा।
1300 किमी होगन नर्मदा प्रगति पथ
मां नर्मदा के उद्गगम स्थल अमरकंटक से अलीराजपुर होते हुए गुजरात तक 1300 किलोमीटर लंबे नर्मदा प्रगति पथ का बनाया जाना प्रस्तावित है। इससे प्रदेश की हॉरिजॉन्टल इंडस्ट्रियल बैकबोन के रूप में देखा जा रहा है। इस परियोजना के सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। वहीं राजधानी भोपाल से प्रदेश की पूर्वी सीमा के दूरस्थ अंचल सिंगरौली को जोडऩे के लिए 676 कि.मी. विंध्य एक्सप्रेस-वे को राज्य सरकार की कार्य-योजना में प्राथमिकता दी गई है। इन मार्गों के दोनों और औद्योगिक कॉरिडोर विकसित कर अंचल और प्रदेश के विकास को गति मिलेगी।
दिल्ली-नागपुर इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर
देश की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में 1062 कि.मी. दिल्ली-नागपुर इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का 676 कि.मी. हिस्सा मध्यप्रदेश से गुजरेगा। देश के पांच राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान को जोड़ेगा। यह हाई-वे आने वाले वर्धा जिले में सिंधी-डायपोर्ट को कनेक्टविटी देगा। यह भविष्य में व्यापार उद्योग और रोजगार का बड़ा केन्द्र बनेगा।
कई राज्यों में होगा औद्योगिक विकास
राजधानी दिल्ली को देश की आर्थिक राजधानी से जोडऩे वाले दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर देश के आर्थिक विकास में नया अध्याय बनेगा। इस 1504 कि.मी. लम्बाई वाला कॉरिडोर मध्यप्रदेश में मंदसौर से अलीराजपुर होकर गुजरेगा। राज्य के देवास, उज्जैन, रतलाम, धार, नीमच, मंदसौर और अलीराजपुर जिलों में औद्योगिक विकास का दृश्य बदल जायेगा। राज्य सरकार दवारा भारत सरकार के सहयोग से 1100 हेक्टेयर एरिया में उज्जैन जिले में विक्रय उद्योगपुरी औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
मुम्बई-वराणासी इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर
आर्थिक राजधानी मुम्बई को आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी से जोडऩे वाली महत्वकांक्षी परियोजना है। इस 1345 कि.मी. लंबाई वाले कॉरिडोर का 63 प्रतिशत हिस्सा लगभग 800 कि.मी. एरिया मध्यप्रदेश के 29 जिलों से होकर गुजरेगा। प्रदेश की लगभग 57 प्रतिशत आबादी इस कॉरिडोर से लाभांवित होगी। यह कॉरिडोर के संपर्क वाले जिलों में आर्थिक विकास नई संभावनाएं पैदा होंगी।
Madhya Pradesh: 4590 kilometer roads will lead to rapid economic development of the districts.