राज्यों में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रथा को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को आज खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उपमुख्यमंत्री का पदनाम संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रथा को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को आज खारिज कर दिया है। अलग-अलग राज्यों में उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिस पर आज कोर्ट ने बड़ी बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
याचिकाकर्ता का कहना था कि उपमुख्यमंत्री का पद संविधान में नहीं लिखा है। चीफ जस्टिस ने इस पर कहा कि उपमुख्यमंत्री भी मंत्री ही होता है। पद को कोई नाम दे देने से संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उपमुख्यमंत्री का पदनाम संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।