- प्रियाली सूर ने याचिका में बताया कि रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन राज्य के अल्पसंख्यक है।
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अवैध तरीके से जेलों और हिरासत केंद्रों में बंद रोहिंग्या शरणार्थियों को रिहा करने के लिए सरकार को निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है। वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले का जिक्र करते हुए बताया कि मामले को सुनवाई तय नहीं की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि वह इस मामले की सुनवाई मार्च में करेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 10 अक्तूबर को केंद्र को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों के भीतर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी। प्रशांत भूषण याचिकाकर्ता प्रियाली सूर की तरफ से पेश हुए। प्रियाली सूर ने याचिका में बताया कि रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन राज्य के अल्पसंख्यक है। संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें दुनिया के सबसे ज्यादा उत्पीड़ित जातीय अल्पसंख्यक बताया है।