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कॉलोनियों से अब बाहर नहीं जाएगा कचरा,कंपोस्ट पिट में कचरे का खाद बनेगा

नर्मदापुरम की तीन कॉलोनियों में सफल प्रयोग

भोपाल। कॉलोनियों का कचरा अब बाहर नहीं जाएगा। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की जरूरत नहीं पड़ेगी। नगर निगम अब शहर की 2200 कॉलोनियों में ही कचरा निष्पादन करने जा रहा है। कॉलोनी का सीवेज ट्रीट करने के लिए एसटीपी तो कचरे से खाद बनाने के लिए कॉलोनी में कंपोस्ट पिट-यूनिट तैयार होगी।
नर्मदापुरम रोड किनारे तीन कॉलोनियों में ये प्रयोग सफल रहा है और निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में इन्हें आत्मनिर्भर कॉलोनी के तौर पर बता चुका है। अब इसी तरह की आत्मनिर्भर कॉलोनियां बनाई जा रही है। निगम ने इन कॉलोनियों को कचरा प्रबंधन में आत्म निर्भर बनाकर शहर से कचरा उत्पादन में 600 टन तक की कमी की योजना बनाई है। अभी शहर में करीब 1000 टन कचरा उत्पादन होता है। 12 वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन से होता हुआ ये आदमपुर खंती पहुंचता है। यहां इसका निष्पादन करने के लिए प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रायोगिकतौर पर शहर में कई कॉलोनियों में कचरा निष्पादन यूनिट लगाया हुआ है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन कॉलोनियों में काम किया गया और अब ये कचरा निष्पादन में आत्मनिर्भर है।

ऐसे समझे कचरा निष्पादन में आत्मनिर्भर कॉलोनियां
नर्मदापुरम रोड किनारे ब्लू स्काइ हाइराइज का काम सबसे बेहतर है। यहां पेड़ों की पत्तियों तक के लिए अलग  पिट बनाकर गोल्डन लीफ नाम देकर खाद बनाया जा रहा है। गीला और सूखा दोनों तरह का कचरा यहां खाद बनकर कॉलोनी के पार्क में पेड़-पौधों की ग्रोथ को बढ़ा रहा है। इसी तरह वद्र्धमान सिटी, सम्राट कॉलोनी, ग्रीन सिटी, पेसिफिक ब्ल्यू, फ्लेमिंगों समेत करीब 40 कॉलोनियां खुद ही कचरा प्रबंधन व निष्पादन कर रही है।

आत्म निर्भर कॉलोनियां तो निगम पर घटेगा भार
नगर निगम अभी शहरभर में 450 मैजिक वाहनों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक् शन करवा रहा है। 12 ट्रांसफर स्टेशन पर हर माह चार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च कर रहा है। इसी तरह आदमपुर में इसे भेजने और वहां निष्पादन संबंधी काम करने का खर्च अलग है। कचरा प्रबंधन में 22 सोसायटीज को आत्मनिर्भर बनाकर निगम इस अधोसंरचना को आधा ही कर देगा। खर्च भी आधा ही रहेगा।

इनका कहना है
कॉलोनियों में ही कचरा प्रबंधन और निष्पादन भी वहीं हो, इसके लिए हम काम कर रहे हैं। कॉलोनियों से ट्रीटमेंट के बाद ही सीवेज निकले और कचरा वहीं निष्पादित होकर खाद बन जाए इसके लिए योजना है। शहरी स्वच्छता में ये बेहतर रहेगा।

  • फ्रैंक नोबल, निगमायुक्त
Garbage will no longer go out of the colonies, compost will be made of waste in the compost pit

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