हरिद्वार, 4 नवंबर 2024: हरिद्वार में गंगा उत्सव का आयोजन इस वर्ष घाटों के किनारे एक भव्य और दिव्य रूप में किया जाएगा। यह उत्सव केवल गंगा नदी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का एक साधन नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को संरक्षित रखने का भी प्रयास है।
कार्यक्रम का विवरण
इस वर्ष का गंगा उत्सव विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी के लिए मशहूर होगा। बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) की 50 महिला जवान राफ्टिंग के माध्यम से हरिद्वार के चंडी घाट से गंगासागर तक की यात्रा करेंगी। यह यात्रा इस आयोजन का केंद्रबिंदु होगी और यह साहस और दृढ़ता का प्रतीक है।
राफ्टिंग का महत्व
राफ्टिंग एक साहसिक खेल ही नहीं, बल्कि यह गंगा की महिमा को प्रदर्शित करने का एक अनूठा माध्यम है। बीएसएफ की महिला जवानों का यह साहसिक कदम महिलाओं की सशक्तिकरण की कहानी को भी बयां करता है। इस दौरान, ये जवान गंगा की पवित्रता और उसकी सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को भी लोगों के बीच फैलाएँगी।
अद्भुत सांस्कृतिक वातावरण
गंगा के तट पर आयोजित होने वाला यह उत्सव अपने अद्भुत और मनमोहक माहौल के लिए जाना जाता है। यहां शास्त्रीय संगीत के दिग्गज कलाकारों की उपस्थिति से संगीत का ऐसा जादुई वातावरण बनता है कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। संगीत की धुनें वातावरण में घुलकर एक अविस्मरणीय अनुभव का सृजन करती हैं, जो सभी उपस्थित जनों के दिलों में बस जाती हैं।
हस्तशिल्प बाजार
गंगा उत्सव के दौरान एक विशेष हस्तशिल्प बाजार भी सजता है, जहां विभिन्न शिल्पकार अपनी बेजोड़ कलाकृतियाँ प्रदर्शित करते हैं। यह एक ऐसा मंच है जहां खरीदार सीधे उत्पादकों के संपर्क में आ सकते हैं। यहां, बिना किसी बिचौलिए के, शिल्पकारों से बेहतरीन हस्तशिल्प वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं, जो इस उत्सव की विशेषता है।
देव दीपावली का पर्व
गंगा महोत्सव के समापन पर देव दीपावली का मनमोहक पर्व मनाया जाता है, जो इस उत्सव का मुख्य आकर्षण बनता है। इस दिन श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में लाखों दीये विसर्जित करते हैं, जिससे एक सुरम्य दृश्य उत्पन्न होता है। दीपों की रोशनी में नहाई गंगा और वातावरण में फैली सुगंध एक अद्भुत अनुभव का अहसास कराती है। इस मौके पर मंत्रों की मधुर गूंज भी पूरे माहौल में आत्मा को छू जाती है, मानो स्वर्ग का अनुभव किया जा रहा हो।
गंगा का संरक्षण
इस उत्सव का एक प्रमुख उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। गंगा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए कार्यशालाएँ और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे, जिसमें विशेषज्ञ गंगा के महत्व, उसकी समस्याओं और संरक्षण के उपायों पर चर्चा करेंगे।
हरिद्वार में 4 नवंबर को आयोजित होने वाला गंगा उत्सव न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और गंगा नदी के प्रति हमारी जिम्मेदारी को जागरूक करने का एक अद्भुत अवसर भी है। हम सभी को आमंत्रित किया जाता है कि वे इस पवित्र नदी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करें और उसकी पवित्रता को बनाए रखने में अपना योगदान दें। गंगा उत्सव के माध्यम से हम सब मिलकर गंगा की महत्ता को उजागर कर सकते हैं और उसकी रक्षा के लिए सार्थक कदम उठा सकते हैं।