झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के उपाध्यक्ष चंपई सोरेन ने शुक्रवार को रांची के राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सोरेन के साथ, राजद के सत्यानंद भोक्ता और कांग्रेस के आलमगीर आलम सहित दो अन्य नेताओं ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा देने के दो दिन बाद चंपई सोरेन को सीएम बनाया गया है।
शपथ ग्रहण के बाद चंपई सोरेन बोले, हेमंत सोरेन ने आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए काम किया। मैं उनके द्वारा शुरू किए गए काम में तेजी लाऊंगा, लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में हम समय पर काम पूरा करेंगे। राज्य में अस्थिरता पैदा करने की विपक्ष की कोशिश हमारे गठबंधन की ताकत से विफल हो गई है।
जानें कौन हैं सत्यानंद भोक्ता
सत्यानंद भोक्ता राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सदस्य हैं और झारखंड के राज्यपाल के यहां श्रम संसाधन मंत्री के पद पर कार्यरत थे। वह चतरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। भोक्ता इससे पहले 2000-2009 तक झारखंड विधानसभा में विधायक चुने गए थे।
कौन हैं आलमगीर आलम?
आलमगीर आलम कांग्रेस पार्टी के सदस्य और पकौर निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधायक हैं। आलम 2000, 2004, 2014 और 2019 में झारखंड से विधायक चुने गए। वह संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कार्यरत थे। दोनों नेताओं को अब चंपई सोरेन की सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया गया है, हालांकि, उन्हें अभी तक विभागों का आवंटन नहीं किया गया है।